नई दिल्ली. यूरोप की बेल्जियम कोर्ट में उस समय बड़ा हास्यास्पद माहौल हो गया, जब ड्रंकन ड्राइविंग में पकड़े गए एक युवक ने जज के सामने ये दलील दी कि उसने शराब नहीं पी थी, बल्कि उसके शरीर में खुद शराब बनती है.
दरअसल, 40 वर्षीय Anse Ghesquiere पर ये आरोप था कि वह शराब पीकर कार चलाते हुए पकड़ा गया है. पुलिस के अनुसार साल 2022 में सड़क पर वाहन जांच के दौरान एंसी की ब्रेथ एनालाइजर जांच की गई. जांच में पता चला कि उसके शरीर में शराब की मात्रा 0.91 द्वद्द है. जबकि नियमों के अनुसार वाहन चलाते हुए अगर शराब की मात्रा 0.22 द्वद्द से अधिक है तो यह अपराध है. इसके लिए जुर्माना और जेल की सजा है.
पहले भी शराब पीने के आरोप में पकड़ा गया था
पुलिस का आरोप था कि एंसी इससे पहले भी साल 2019 में शराब पीकर वाहन चलाने के दौरान पकड़ा गया था. एंसी ने पुलिस के आरोपों को नकार दिया और कोर्ट में मुकदमा लड़ने का निर्णय लिया. एंसी के वकील ने कोर्ट को बताया कि उसे ऑटो-ब्रूअरी सिंड्रोम (auto brewery syndrome) नामक एक बीमारी है. इस बीमारी में उसके शरीर में ऐसे रसायन बनते हैं जिससे ब्रेथ एनालाइजर जांच करने में शरीर में शराब होने का शक होता है. मेडिकल पेपर देखने के बाद कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया.
क्या होता है auto brewery syndrome?
डॉक्टरों के अनुसार ऑटो-ब्रूअरी सिंड्रोम (एबीएस) में पीडि़त का पाचन तंत्र खराब हो जाता है. इस बीमारी से पीडि़त के पेट में यीस्ट की मात्रा ज्यादा हो जाती है. जिसके कारण व्यक्ति का शरीर कार्बोहाइड्रेट को अल्कोहल में परिवर्तित कर देता है. यह सिंड्रोम किसी भी मादक पेय का सेवन किए बिना पीडि़त के शरीर में नशे जैसे लक्षणों को दर्शाता है.