इटानगर, 25 अप्रैल। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि चकमा-हाजोंग शरणार्थियों के मुद्दे को लेकर गलतफहमी पैदा करने की कोशिशें की जा रही है। किरेन रिजिजू ने गुरुवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी यह नहीं कहा था कि चकमा-हाजोंग शरणार्थियों को असम में बसाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कुछ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा उनके बयान को अलग तरीके से तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है ताकि मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा की छवि असम में धूमिल हो सके।
किरन रिजिजू ने आज स्पष्ट किया कि उन्होंने यह कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के लागू हो जाने के बाद चकमा-हाजोंग शरणार्थियों का अरुणाचल प्रदेश में रह पाना संभव नहीं है। उन्हें अरुणाचल प्रदेश से कहीं अलग बसाने के लिए चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तथा असम के मुख्यमंत्री डॉ. सरमा के साथ चर्चा की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नए कानून के बन जाने के बाद चकमा शरणार्थी किसी भी स्थिति में अरुणाचल प्रदेश में नहीं रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें अरुणाचल प्रदेश से बाहर कहीं बसाने को लेकर चर्चाएं की जा रही है।