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डिब्रूगढ़ ( असम ) , 27 अप्रैल, संदीप अग्रवाल
मारवाड़ी सम्मेलन , डिब्रूगढ़ शाखा द्वारा रगांली बिहू के उपलक्ष में प्रांत के निर्देशानुसार समाज के 5 विभुतियों को , जिनका समाज के प्रति अलग अलग क्षेत्र में योगदान रहा है, उनके आवास गृह में जाकर उन्हें सम्मानित किया गया। इस सन्दर्भ में असमीया संस्कृति का प्रतीक फूलाम गमछा, उलगोनी पत्र ( सम्मान पत्र ) और साथ ही धेमाजी के उमेश जी खंडेलिया द्वारा सम्पादित ” असम के मारवाड़ी समाज ” और मारवाड़ी विशिष्ट व्यक्तियों पर लिखी गई पुस्तकें उन्हें भेंट स्वरुप दी गई । सबसे पहले असम साहित्य सभा के दो बार सभापति रह चुके वरिष्ठ साहित्यकार एवं डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के भूतपूर्व अध्यापक डॉ. नगेन सैकिया जी को सम्मानित किया गया। इसी कड़ी में गरीबों के प्रति सहानुभुतिशील तथा समाज सेवक डिब्रूगढ़ के जाने-माने शैल्य चिकित्सक डॉ सर्वेश्वर भूंया, विशिष्ट शिक्षाविद एवं सामाजिक व्यक्ति श्री प्रशांत बोरा, शास्त्रीय नृत्यकला में पारंगत नृत्यांगना श्रीमती मीनाक्षी गोगोई , खेल कुद में माहिर राष्ट्रीय क्रीड़ाविद श्रीमती तनिष्का दत्त को इसी कड़ी में सम्मानित किया गया। मारवाड़ी सम्मेलन डिब्रूगढ़ शाखा द्वारा सम्मानित किए गए सभी व्यक्तियों ने समाज के सभी जाति वर्ग के लोगों को भाई चारे के एक सुत्र में बांधने हेतु सम्मेलन द्वारा किए गए इस कोशिश की भूरि भूरि प्रसंशा की तथा सभी के चेहरों पे खुशी के भाव देखे गए। जेष्ठ नागरिक एवं साहित्यकार डॉ. नगेन सैकिया जैसे महान विभूति के प्रोत्साहित भरे वाक्यों से सभी गद गद हो उठे। मौके पर सम्मेलन की डिब्रूगढ़ शाखा के सचिव सुरेश अगरवाल ने कहा कि प्रांत द्वारा उठाया गया यह पहला कदम हमारे जीवन का एक अविस्मरणीय पल बन कर रह जायेगा | वृहत्तर असम में खासकर असमीया समाज और मारवाड़ी समाज में इस तरह के सामाजिक संगठनों के कार्यो से एक सकारात्मक भूमिका का जागरण होगा। इस सम्मान कार्यक्रम में मंडल “क” के मंडलीय उपाध्यक्ष डॉ. महेश कुमार जैन, मंडलीय सहायक मंत्री राजकुमार अगरवाला, डिब्रूगढ़ शाखा के अध्यक्ष कैलाश धानुका, सचिव सुरेश अगरवाल, कार्यकारिणी समिति के सदस्य पुरुषोत्तम शर्मा, पवन कुमार गाड़ोदिया, राजेश वर्मा तथा युवा पत्रकार संदीप अग्रवाल आदि सभी ने अपनी अहम भूमिका निभाते हुए उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया । यह जानकारी सुरेश अगरवाल द्वारा दी गई है |