नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत का विरोध प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यह कहते हुए विरोध किया है कि प्रचार करना मौलिक अधिकार नहीं है. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव पांच साल में आते है. सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर दस मई को फैसला सुनाएगा. वहीं आज ED ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है.
सूत्रों के हवाले से ईउी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल चुनाव नहीं लड़ रहे है और इससे पहले किसी भी नेता को प्रचार के लिए न्यायिक हिरासत से जमान नहीं मिली है. प्रचार करना मौलिक अधिकार नहीं है. जांच एजेंसी से ने ये हलफनामा इसलिए दिया है कि सात मई को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा था कि चुनाव पांच साल में आते है, ये असाधारण परिस्थिति है.यदि हम केजरीवाल को जमानत देते है तो हमारी शर्त रहेगी क वे सरकार के काम में दखलंदाजी नही करेगें. हम दस मई शुक्रवार को अंतरिम जमानत पर आदेश सुनाएगे. गिरफ्तारी को चुनौती देने से जुड़े मुख्य मामले पर भी उसी दिन फैसला किया जाएगा. दिल्ली शराब नीति केस में केजरीवाल एक अप्रैल से तिहाड़ जेल में बंद हैं. वे चुनाव प्रचार नहीं कर पा रहे हैं. आम आदमी पार्टी के गढ़ दिल्ली में 25 मई और पंजाब में 1 जून को लोकसभा चुनाव होने हैं.