नई दिल्ली. महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय होना हमारी जीत है, लेकिन अदालत में हमारी लड़ाई जारी रहेगी. आज हम बिना किसी डर के खड़े हो सकते हैं, अपना सिर ऊंचा रख सकते हैं, उसकी आंखों में देख सकते हैं, जिस आदमी से हम इतने सालों से डरते थे. बृजभूषण को संदेश मिल गया है कि जब तक महिला पहलवानों को न्याय नहीं मिल जाता, हम कहीं नहीं जाने वाले हैं.
विनेश ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय होने से एक कड़ा संदेश भी जाता है कि महिलाएं, पुरुषों से मुकाबला कर सकती हैं और उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. इतने रसूखदार शख्स के खिलाफ आवाज उठाना उतना आसान नहीं था और उनके अलावा भी कई अन्य रसूखदार और पहुंच वाले शख्स थे, जो चाहते थे कि हम इस मामले में पीछे हट जाएं. हम असफल हो जाएं.
विनेश ने कहा कि जब भी हमने बृजभूषण के खिलाफ आवाज उठाई और विरोध प्रदर्शन किया, तब हमारे खिलाफ निगेटिव कैंपेन भी चलाया गया. बृजभूषण ने शुरू में तो यहां तक कह दिया था कि अगर एक भी महिला सामने आकर कहे कि उसे यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है तो वह फांसी लगाने के लिए तैयार हैं.
विनेश ने पूछा कि उस बयान पर अमल करने का क्या हुआ? हम इस बात से टेंशन में थे कि वे (बृजभूषण) सिस्टम पर दबाव बनाने के लिए अपने मजबूत संबंधों का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन हमारे वकील ने हमें टेंशन न करने के लिए कहा था. भाजपा ने उनके बेटे को लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दिया है. इससे पता चलता है कि वे अब भी बृजभूषण का समर्थन करते हैं. मैं कह सकती हूं कि जिस दिन बृजभूषण को केंद्र में सरकार का समर्थन नहीं मिलेगा और वे अपना रसूख खो देंगे, उस दिन कई और लड़कियां सामने आएंगी और उनके बारे में शिकायत करेंगी.
विनेश ने कहा कि हमें समर्थन तो मिला, लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने बृजभूषण पर भरोसा किया. ऐसे लोगों के बारे में हम कुछ नहीं बोल सकते, हम उन्हें नहीं जगा सकते, हम उन्हें फैक्ट नहीं दिखा सकते. जंतर-मंतर पर धरना बंद करने के बाद भी हमारी आलोचना जारी है. ऐसा तब भी होता है जब फिलहाल में ट्रेनिंग कर रही हूं. मैं 53 किलोग्राम का ट्रायल नहीं जीत सकी, क्योंकि मैं 50 किलोग्राम पर फोकस करना चाहती थी. मैं वास्तव में 53 किग्रा ट्रायल में पूरी तरह से असफल नहीं हुई, लेकिन इसके बाद आईटी सेल मेरे पीछे लग गया.
उन्होंने कहा कि बजरंग के रेसलिंग करियर को नुकसान हुआ, मुझे सर्जरी के कारण एशियाई खेलों से हटना पड़ा. हमने अपने पुरस्कार लौटा दिए और डब्ल्यूएफआई चुनाव नतीजों के विरोध में साक्षी को संन्यास लेना पड़ा. लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में कुछ पॉजिटिव चीजें भी हुईं. शुरू में, हमें यकीन नहीं था कि पुलिस अपनी जांच कैसे करेगी, लेकिन उन्होंने अच्छा काम किया. अगर हम ये केस जीतते हैं तो इसका देश भर की महिलाओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.