आज कटहल रोड, शिलचर में मातृभाषा स्वाभिमान जागरण समिति बराक घाटी के केंद्रीय समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में भारत सरकार द्वारा करवाई जा रही जनगणना के बारे में विचार विमर्श किया गया। सभा में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि अगले 10 दिन के भीतर पूरे बराक घाटी के सभी प्रखंडों में प्रखंड समितियों का गठन किया जाएगा। अप्रैल महीने के भीतर सभी गांव, बागान, बस्तियों में समितियां गठित की जाएगी। सभी समितियों के माध्यम से गांव-गांव में जनगणना सहायक तैयार किए जाएंगे और होने वाली जनगणना में सभी हिंदीभाषियों की मातृ भाषा हिंदी लिखी जाए, इस बारे में घर-घर में जनजागरण चलाया जाएगा।
समिति द्वारा चलाए जा रहे हैं जनजागरण अभियान के बारे में गुवाहाटी के कुछ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा तोड़ मरोड़ कर समाचार दिखाया जाने की सभा ने कड़ी निंदा की और कहा कि असम की सरकारी भाषा असमिया है और बराक घाटी की स्वीकृत सरकारी भाषा बांग्ला है, हम दोनों भाषाओं का सम्मान करते हैं। किसी भी भाषा से हमारा भी विरोध या द्वेष नहीं है। आम जनता को संविधान द्वारा प्रदत्त मातृभाषा के मौलिक अधिकार के विषय में जन जागरण कर रहे हैं। सभी अपनी अपनी मातृभाषा लिखाएं, इस बारे में किसी भी नागरिक को या संगठन को क्या आपत्ति हो सकती है? जो लोग गुवाहाटी में बैठकर बोल रहे हैं, उन्हें बराक घाटी के चाय जनगोष्ठी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उक्त चैनलों द्वारा चलाए जा रहे भड़काऊ प्रसारण से यदि कोई घटना घटती है तो इसकी जिम्मेदारी उन्हीं लेनी पड़ेगी।
सभा में उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में समिति के कार्यकारी अध्यक्ष दिलीप कुमार, मार्गदर्शक आचार्य आनंद शास्त्री, महासचिव राजेन कुंवर, वरिष्ठ पदाधिकारी गण चंद्रमा प्रसाद कोइरी, रामनारायण नुनिया, गणेश लाल छत्री, सुभाष चौहान, पत्रकार दिलीप सिंह, श्यामसुंदर रविदास, अमरनाथ प्रजापति, जयप्रकाश गुप्ता, चंद्रशेखर ग्वाला, रितेश नुनिया, चंद्रवान ग्वाला तथा हरे कृष्ण नुनिया आदि शामिल थे।