करीमगंज, तूफानी चक्रवात रेमल ने असम में भारी तबाही मचाई है। प्रदेश के करीमगंज जिलांतर्गत भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र में बाढ़ आ गई है। बराक घाटी की बराक, लोंगाई और कुशयारा नदियां पिछले दो दिनों से खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कुशियारा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
उत्तर करीमगंज के लक्ष्मीबाजार, लाफाशैल गांव के सैकड़ों परिवार पहले ही बांग्लादेश के पानी से बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। बीएसएफ की छह सीमा चौकियां डूब गईं। चराकुरी, जगन्नाथी और स्टीमरघाट चौकी के जवानों को पड़ोसी एलपी स्कूलों में स्थानांतरित कर दिया गया है। कुरिखला संदेश चांदश्रीकोना चौकी पानी में डूब गई। सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
भारत-बांग्लादेश सीमा को परिभाषित करने वाली कुशियारा नदी के तट पर करीमगंज शहर में बिसर्जन घाट की हालत खराब है। प्रशासन ने जियो बैग से पानी रोकने की व्यवस्था की है। सीमा पर बीएसएफ की गश्त बढ़ा दी गई है। कुशियारा नदी वर्तमान में खतरे के निशान से लगभग दो मीटर ऊपर बह रही है। हालांकि, बीएसएफ के जवान सीमा की चौकसी में कोई कोताही नहीं बरत रहे हैं। देश की रक्षा के लिए जवान घुटनों तक पानी में खड़े होकर पहरा दे रहे हैं। बीएसएफ रेत की बोरियां लेकर पानी का बहाव रोकने के लिए जमीन पर पहुंच गई है। गौरतलब है कि हर साल बाढ़ से बीएसएफ बीओपी को काफी नुकसान होता है।