बीएम शुक्लवैद्य, बिहाड़ा: श्रम कानूनों के उल्लंघन के आरोप लंबे समय से बिहाड़ा रेल्वे कंक्रीट कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ लगाए जा रहे हैं। इस बार, अधिकारियों के अचानक फैसले के कारण बिहाड़ा रेलट्रैक कंक्रीट प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड के मजदूरों में भारी तनाव है। देश में विभिन्न स्थानों के साथ, बांग्लादेश में भी बिहाड़ा से रेलट्रैक भेजे जाते हैं। श्रमिकों की शिकायत है कि वे हमेशा कारखाने में दिन-रात काम करते हुए भी अपने उचित बकाया से वंचित हो रहे हैं।
यूनियन ने यह भी शिकायत की कि अधिकारी कर्मचारियों की मांगों को लंबे समय से खारिज कर रहे हैं। असम मजदूर श्रमिक यूनियन के काछार जिला सचिव धारित्री शर्मा ने कहा कि श्रमिकों को मंगलवार के दिन विभिन्न मांगों के साथ अधिकारियों के साथ बैठना था, लेकिन अधिकारियों ने बिना किसी कारण के बैठक को रद्द कर दिया। श्री शर्मा ने शिकायत की कि अधिकारी नहीं चाहते थे कि श्रमिकों की समस्याओं का समाधान हो। इसलिए वे श्रमिकों के साथ समझौते में बैठने की निर्धारित तिथि जानबूझकर टाल दिए।
उन्होंने कहा कि कारखाने के स्थानीय प्रबंधन के मजदूर विरोधी निर्णय के परिणामस्वरूप, पिछले दश दिन से ९६ श्रमिक काम न मिलने की वजह से बड़े दिक्कत झेल रहे हैं। उन्होंने मैनेजमेन्ट से यह मांग की, कि जब तक एक नया समझौता नहीं हो जाता है, तब तक श्रमिकों को पहले के नियमो के साथ बरकरार रखा जाए। असम मजदूर श्रमिक यूनियन के काछार जिला सचिव धारित्री शर्मा ने कहा कि अगर मजदूरों की मांग पूरी नहीं हुई तो यह बंद अनिश्चितकाल के लिए जारी रहेगी। मंगलवार को बंद के कारण कई ट्रक कारखानों के सामने खड़ा होना पड़ा।