गुवाहाटी, लमडिंग-सिलचर पहाड़ी सेक्शन के महत्वपूर्ण स्थानों पर एयरबोर्न इलेक्ट्रोमैग्नेटिक लिडार सर्वेक्षण के लिए पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) पूर्ण रूप से तैयार है। यह सर्वेक्षण मानसून के दौरान और बाद में किया जाएगा, जो मिट्टी की परत के प्रकार, ढलान की स्थिरता, पहाड़ी में किसी भी प्रकार की हलचल के लिए प्राकृतिक या गठित त्रुटि की उपस्थिति, मिट्टी के स्तर के नीचे जल संचय, फिसलन परिक्षेत्र के गठन और पहाड़ी के निचले हिस्से की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण स्थान का विस्तार से विश्लेषण करेगा।
पूसीरे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने आज बताया है कि यह सर्वेक्षण लमडिंग-बदरपुर सेक्शन के किमी 45 से किमी 125 के बीच किया जाएगा। सर्वेक्षण के लिए निविदा को पहले ही अंतिम रूप दे दिया गया है और नोएडा की कंपनी मैसर्स गरुड़यूएवी सॉफ्ट सोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को यह प्रदान किया गया है। मजबूत डिजिटल ट्विन आधारित एआई संचालित वन पॉइंट मॉनिटरिंग सिस्टम पर आधारित एयरबोर्न ग्राउंड सतह सर्वेक्षण और उप सतह विद्युत चुम्बकीय सर्वेक्षण आयोजित किया जाएगा।
यह गतिशील भूभौतिकीय परिदृश्य और भूमिगत पर्यावरण की निगरानी करेगा, जो भूस्खलन एवं फिसलन की संभावना वाले कमजोर और संवेदनशील स्थान के साथ सतत मानवीय हस्तक्षेप के बिना ट्रैक परिस्थिति के निवारक रखरखाव के लिए विफलता तथा महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान और विश्लेषण करने में मदद करेगा। यह नॉन-इनवेसिव सेंसर यानी लिडार, ऑप्टिकल फोटोग्रामेट्री, इन्फ्रारेड मैपिंग और ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार और एयरबोर्न इलेक्ट्रोमैग्नेटिक का उपयोग करके किया जाएगा। सर्वेक्षण द्वारा उत्पन्न हजारों डेटा की बेहतर तुलना के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर द्वारा परिणाम या आउटपुट का विश्लेषण किया जाएगा और ऐसे महत्वपूर्ण स्थान के लिए सुधार संबंधी उपाय प्रदान किए जाएंगे।
लिडार (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) तकनीक का उपयोग अत्यधिक विस्तृत और सटीक उच्च डेटा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। मौजूदा रेलवे ट्रैक, आस-पास के इलाके और किसी भी प्रासंगिक संरचनाओं सहित परियोजना क्षेत्र की स्थलाकृति को अधिकृत करने के लिए हवाई या स्थलीय लिडार स्कैनर का उपयोग करके लिडार सर्वेक्षण किया जाता है।
रेलवे सर्वेक्षण परियोजनाओं में सर्वेक्षण गतिविधियों और तकनीकों की एक श्रृंखला शामिल है, जो रेलवे की योजना, डिजाइन, निर्माण और अनुरक्षण को सहयोग प्रदान करता है। ये सर्वेक्षण रेल परिवहन की प्रणालियों की संरक्षा, दक्षता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।