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प्रे. सं. हाइलाकांदी, 17 अप्रैल: इस साल का अनिल चंद्र दास एवं सुप्रभा दास मेमोरियल अवार्ड आंतर्यातिक ख्यातिसम्पन्न पत्रकार रत्नज्योति दत्त (दिल्ली) एवं भूविज्ञानी सरोज कुमार लस्कर (देहरादून) को मिला है। ये दोनों असम के संतान हैं। हर साल अपने माता-पिता के सम्मान में, यह सम्मान प्रख्यात कवि आशुतोष दास ने बेलाभूमि शिल्पकला परिषद के नाम से दिया जाता है। बांगला नव वर्ष के अवसर पर, हाइलाकांदी शहर स्थित कबि के घर में आयोजित एक अनुष्ठान में आशुतोष दास एवं उनकी पत्नी ने स्मारक सम्मान एवं उपहार सामग्री प्रदान की। सांस्कृतिक संगठक सुदर्शन भट्टाचार्य के अध्यक्षता में आयोजित सभा में प्रवीण पत्रकार संतोष कुमार मजुमदार, सामाजिक कार्यकर्ता नारायण देबनाथ, विशिष्ट पत्रकार शतानंद भट्टाचार्य, कवि कल्लोल चौधरी, सुशांत मोहन चेटर्जी, शिप्रा शर्मा महंत, तन्मय दत्त महाराज, जपमाला चक्रवर्ती प्रमुख ने संबोधित करते हुए विभिन्न अनुभवों को साझा किया।
अनुष्ठान में वकील नमिता देबनाथ एवं जपमाला चक्रवर्ती ने रवींद्र संगीत प्रस्तुत किया। पुरस्कार ग्रहण करने के बाद आंतर्यातिक ख्यातिसम्पन्न पत्रकार रत्नज्योति दत्त ने अपने जीवन के विभिन्न संघर्षों का उल्लेख किया और यह भी उल्लेख किया कि यह सम्मानना उनकी महान प्राप्ति है। अन्य पुरस्कार प्रापक भूविज्ञानी सरोज कुमार लश्कर अनुष्ठान में शामिल नहीं हो सके, इसलिए उनके रिश्तेदार रथी दास ने उनकी ओर से पुरस्कार ग्रहण किया। कबि आशुतोष दास ने स्वागत भाषण में बेलाभुमि शिल्पकला परिषद के कार्यकारी के बारे में चर्चा की। इसके अलावा रबिंद्र कविता आबृति एवं समग्र अनुष्ठान संचालना की शंकरी चौधुरी ने। उल्लेखनीय है कि, इससे पहले देश एवं विदेश के 15 विशिष्ट व्यक्तियों को साहित्य एवं पत्रकारिता सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पारदर्शीता दिखाने के लिए यह स्मारक सम्मान प्रदान किया गया था।