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उत्तर प्रदेश में भाजपा की हार का एक विश्लेषण  अति आत्मविश्वास मोदी को ले डूबा- पुनीत दुबे 

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बड़े दुख के साथ ये कहना पड़ रहा है कि उत्तर प्रदेश राज्य ने ही एक हिंदुत्ववादी पार्टी भाजपा की लुटिया डूबा दी । या कदाचित मुझे कहना चाहिए इस पूरे देश का भविष्य उत्तर प्रदेश ने बर्बाद कर दिया।
अब प्रधानमंत्री भले मोदी बने या जो भी बने। एक चीज स्पष्ट है।
पाकिस्तान अब हमें आंख दिखायेगा और चीन भी। अमेरिका भी अब हमें आंख दिखायेगा। अब भारत के विश्वशक्ति बनने का कोई चांस नही है। क्योंकि कमजोर सरकार कड़े फैसले नही ले पाएगी।
आत्मनिर्भर भारत का सपना तो अब टूट चुका है इसी के साथ काशी मथुरा का मामला भी अब हाथ से निकल जाएगा!! क्योंकि योगी को समझ में आ जाएगा कि हिन्दू लोगों को अपने धर्म से कोई मतलब नही है। सिर्फ मुसलमान इस्लाम के प्रति वफादार होते है । हिंदुओ को बस रोटी कपड़ा मकान दे दो उसी में खुश हो जाएंगे। इनकी आंख तभी खुलेगी जब कोई सत्ता से जुड़ा आदमी पूरे शहर में खुलकर गुंडागर्दी करेगा जैसे अतीक अहमद करता था वैसे ही। तभी आंख खुलेगी अन्यथा तो नही, और इसलिए बेहतर यही है कि भाजपा भी कोंग्रेस की तरह तुष्टिकरण की राजनीति करे क्यों की हिन्दुओं को तो राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई मतलब ही नही है । क्या फर्क पड़ता है राष्ट्रीय सुरक्षा से हमने तो केवल एक ही मुम्बई हमला झेला है वो भी अब पुरानी बात हो गई है।
अच्छा बहुत से हिन्दू बोलते है मंदिर मंदिर करने से वोट नही मीलेगा । तो भाई ये बता दे हम क्या यूरोप जैसे किसी शांतिप्रिय माहौल में रहते है ? आतंकवाद से हम कई दशकों से जूझ रहे है तुम उस मुद्दे को कैसे भूल गए ??? विधानसभा चुनाव था क्या जो महंगाई रोजगार के नाम पर वोट दे दिए? और यूपी में क्या अब कोई दबंग आदमी नही है जो सपा कोंग्रेस से जुड़ा हो जो खाली महंगाई रोजगार के नाम पर वोट दे दिए!!!!
समान नागरिक संहिता का कानून अब नहीं आने वाला। एनआरसी जैसा कानून भी अब नहीं आएगा क्यों कि लोगों को तो राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई मतलब ही नही है। कश्मीर की शांति तो अब धीरे धीरे खत्म होगी। सारे भारत और हिन्दू विरोधी लोगों को एक जोश मील चुका है कि अब भारत को झुकाना आसान है क्योंकि सरकार के पास बहुमत नहीं है!!
उत्तर प्रदेश से भी ज्यादा हैरान मुझे पंजाब ने किया। सारे खालिस्तानियों ने चुनाव जीत लीया है और सब अब संसद में आएंगे। अमृतपाल तक चुनाव जीत गया और अब वो एक सांसद है।
किन्तु क्या भाजपा ने कोई गलती नही की.. ????
मेरा आकलन..
मोदी ने जितने आत्मविश्वास में भरकर कहा था कि शपथ लेते ही बहुत काम आएंगे ऐसा उन्होंने नहीं कहना चाहिए था। यही तो उन्होंने गलती किया। overconfidence ले डूबा वो भी बुरी तरह।
झारखंड और दिल्ली के मुख्यमंत्री को जबरन जेल नही भेजना चाहिए था क्योंकि इन का विक्टिम कार्ड चुनाव में चल गया है। हां बिल्कुल इन का विक्टिम कार्ड चुनाव में चल गया है।
मोदी ने जो जोखिम लीया अंततः भारी पड़ गया। इतना जोखिम भी नही लेना चाहिए था। सीबीआई ईडी को इस हद तक चोरों के पीछे लगा दिया कि चोर पब्लिक में जाकर बोलने लगा कि देखो क्या तानाशाही कर रहा है और उधर बेवकूफ पब्लिक भी चोर की बातो में आ गई कि हा मोदी सच मे तानाशाह है।
मुझे बचपन में एक पत्रकार मित्र ने कहा था कि भाई तुम इस देश से कोई मतलब मत रखो स्वयं का देखो बस । इस समाज और इस देश का कुछ नही हो सकता है । लोग हर 10 साल में बीती बातों को भूल जाते है। किन्तु  मेरे घर और रिलेशन में देश के सरहदों की रक्षा हेतु मर मिटने के लिए जलसेना थलसेना और वायुसेना में लोग हैं, मैं भी एक पूर्व पत्रकार होने के नाते तब भी इस देश के बारे में सोचता था। एक आशा थी मुझ में की ये देश एक दिन आगे बढ़ेगा और एक दिन आयेगा जब ये देश विश्वशक्ति बनेगा। एक दिन आएगा जब हम POK पर कब्जा कर लेंगे। एक दिन आएगा जब हिन्दू जात पात को भूलकर एक हो जाएंगे।
किन्तु अब!!!
अब सब उम्मीदें खत्म सी हो गई है। शायद किसी ने सही कहा है कि इस सिस्टम को बदलने की कोशिश मत करो जो चल रहा है चलने दो । जैसा भी ये सिस्टम है वैसा ही चलने दो।
एक आदमी आया था सिस्टम बदलने तो लोगों को अच्छा नही लगा। गुंडों की पार्टी को जीता दिया।
अब सोच रहा हूं क्या जरूरत थी कृषि कानून लाने की इन्हें ? क्या जरूरत थी दिल्ली में शाहीन बाग का माहौल बनाने की ? क्या हासिल किया ये सब करके अंततः बहुमत तो नही मिला। बहुमत मिल जाता तो राजनीति का चाणक्य मानता। वो भी नही मिला ।
हरियाणा के लोग वाकई इतने नाराज हुए भाजपा के अग्निवीर योजना से की कोंग्रेस को ही वोट दे दिया । हद है भाई।
ध्रुव राठी का तानाशाही वाला प्रोपेगैंडा सच मे काम कर गया। कितने ही लोग ब्रेनवॉश हुए और कोंग्रेस सपा को वोट दे दिया। ये हाल तब है जब फेसबुक ने कहा था कि उस ने हजारों अकॉउंट्स को डिलीट किया था जो चुनाव प्रभावित करने की कोशिश कर रहे है। सोचिए फेसबुक अगर कार्रवाई ना करता तब क्या हाल होता। तब तो मैं समझता हूं भाजपा को 200 भी ना मिलते ।
इतना काम करने के बाद भी बहुमत नहीं मिला मतलब प्रचार में भी चूक हुई मोदी से। मैं इस सरकार के सैंकड़ों काम गिनवा सकता हूं इतना कि किसी की आंख खोलने के लिए अधिक हो पर अब कोई लाभ नहीं।
अब ये देश 2029 तक के लिए अस्थिर है….😶
किन्तु क्या सच मे 2029 तक अस्थिरता रहेगी ?
मुझे लगता है 2029 नहीं अब ये देश हमेशा अस्थिर रहेगा क्योंकि भाई मुस्लिमो की भी तो जनसंख्या बढ़ती जा रही है वो भी तेजी से। 2029 तक यूपी की ही जनसंख्या और बदल चुकी होगी। तो अब भाजपा के लिए दुबारा जीतना और अधिक कठिन हो जाएगा।
2019 मे मुझे आज भी याद है सीएए कानून के नाम पर दिल्ली से मुंबई तक गुजरात से असम तक मुसलमान सड़को पर निकल गए थे क्योंकि उन का तो लक्ष्य साफ है लेकिन हिंदुओ का ?????
भाजपा आईटी सेल वाले बोलते थे मोदी को जाने दो योगी आएगा तो तांडव मचा देगा । मैं तो अब सोच रहा हु 2027 में योगी जी आ पाएंगे या नही ? अब तो योगी का भी अत्यंत कठिन लग रहा है।
इस से अच्छा होता दिसम्बर में तीनों राज्यो में चुनाव हार जाते कम से कम overconfidence तो नहीं आता। 2018 में यही हुआ था तीनो राज्यो में हारकर सबक सीखे थे फिर 2019 में प्रचंड बहुमत हासिल किया था।
और अब ………
तीनो राज्यो में जीतकर मुख्य चुनाव में हार गए 😞 अति आत्मविश्वास!!
ये भी हो सकता है कि बजट में सरकार ने आम आदमी को जो राहत नही दिया था उसी से परेशान होकर आम आदमी ने कोंग्रेस सपा को वोट दे दिया हो। पर फिर वही सवाल क्या कोंग्रेस सपा सब समस्या का हल कर देंगे ? लोग बहुत जल्दी भूल जाते है मानना पड़ेगा।
इस देश के लिए मैं हर तरह की सारी उम्मीद खत्म मानकर चल रहा हु । अब कोई उम्मीद नही कोई आशा नही। वामपंथियों का हाथ जोड़कर नमन करना होगा उनकी ताकत और एकजुटता के आगे हम भारतीय कुछ भी नहीं है । अरे इजरायल जैसे देश को उन्होंने पूरी दुनिया मे अलग थलग कर दिया  हम क्या चीज है।
मान भी लीजिये मोदी अगर फिर से प्रधानमंत्री बनकर आ भी जाये तब भी 2029 में भाजपा की हार पक्की है क्योंकि कड़े फैसले नही ले पाएंगे तो जनता में नाराजगी बढ़ेगी।
भाड़ में जाये ये देश ये मतलबी समाज और धर्म। भाड़ में जाये राष्ट्रवाद। मेरे मित्र सही थे इस देश का कुछ नही हो सकता। लोग अतीत को बड़ी जल्दी भूल जाते है। बाकी सब नारायण नारायण।👏
– बलिया, उत्तरप्रदेश
(लेख में प्रस्तुत विचार लेखक के निजी है।)

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