भारतीय जनता पार्टी मोटे तौर पर 2019 के मुकाबले 63 सीट कम ला पाई वहीं वही दक्षिण भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के साथ साथ ओडिशा में चमत्कारी विजय हासिल की। लोकसभा एवं विधानसभा में बीजू जनता दल को साफ कर दिया।भाजपा को बनियों की पार्टी, शहरी लोगों पुंजीपतियों, हिंदी पट्टी की पार्टी एवं सांप्रदायिक पार्टी कहकर अक्षुत मान लिया जाता था लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार दस साल तक हर तबके का विकास किया लेकिन उतर प्रदेश में जो पटखनी खाई वो समझ से परे है। प्रधानमंत्री का इतने कम वोटों से विजयी होना, जहाँ श्री राम मन्दिर बनने के कारण भाजपा ने जो इस क्षेत्र का विकास किया वही हार जाना सिर्फ राजनीतिक समीक्षा के साथ साथ अन्य कारणों पर भी चिंतन आवश्यक है। उत्तर प्रदेश राजस्थान में इतनी सीटों का कम होना बंगाल में किलेबंदी के बाद भी सीट कम होने से निश्चित रूप से गहन अध्ययन के साथ चिंतन जरुरी है। फिर भी भाजपा का दक्षिण भारत एवं ओडिशा में अच्छे प्रदर्शन के कारण भोगोलिक विस्तार हुआ है जो भाजपा के भविष्य के लिए सकुन की बात है। लेकिन भारत देश के लिए अच्छे संकेत है कि हंग जनादेश होने से देश को अस्थिरता से बचा लिया। यह दोनों मुख्य दल अपने अपने राज्य के लाभ के लिए के लिए कभी भी हिम्मत नहीं करेंगे तो वही भाजपा भी परस्थितियों के अनुसार समन्वय स्थापित करने के साथ तालमेल बिठाते हुए आसानी से सरकार चला सकती है।
हमारा ऐप डाउनलोड करें
- Admin
- June 14, 2024
- 10:14 am
- No Comments
भाजपा हिंदी पट्टी में हारी लेकिन संपूर्ण देश में भोगोलिक विस्तार हुआ– मदन सुमित्रा सिंघल
Share this post: