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डिब्रूगढ़ ( असम ) , 19 जून , संदीप अग्रवाल
असम के एक प्रसिद्ध भारतीय नाटककार, गीतकार , कवि तथा लेखक रूपकोंवर ज्योतिप्रसाद अगरवाला के 121 वें जन्मदिवस के उपलक्ष में मारवाड़ी सम्मेलन, डिब्रूगढ़ शाखा द्वारा उनके जन्म स्थान डिब्रूगढ़ जिले के तामुल बाड़ी चाय बागान ( ज्योति तीर्थ ) में ज्योतिप्रसाद अगरवाला की प्रतिमूर्ति में माल्यार्पण और प्रतिमूर्ति के सामने दीप प्रज्ज्वलित कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
ज्योतिप्रसाद अगरवाला के जन्म दिवस के इस कार्यक्रम में मारवाड़ी सम्मेलन, डिब्रूगढ़ शाखा के साथ लुइतपोरीया स्वर्ण शाखा साहित्य सभा, डिब्रूगढ़ और स्माइल डिब्रूगढ़ संस्था भी सहभागी थी।अगरवाला जी के जन्म दिवस के उक्त कार्यक्रम में एक सभा का आयोजन भी किया गया, जिसमें मारवाड़ी सम्मेलन के सलाहकार साहित्यिक श्री देवीप्रसाद जी बागड़ोदिया और श्री आत्माराम जी बिरमीवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में उपरोक्त तीनों संस्थाओं के पदाधिकारी एवं काफी संख्या में सदस्य उपस्थित थे। इसके उपरांत स्थानीय स्कूल के छात्र-छात्राओं और समाजबंधु भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ा रहे थे। सभा में देवीप्रसाद बागड़ोदिया जी ने ज्योतिप्रसाद अगरवाला जी की जीवनी के बारे में संक्षेप में अपना वक्तव्य रखा। स्कूल के छात्र-छात्राओं ने ज्योतिप्रसाद अगरवाला द्वारा रचित ज्योति संगीत से उपस्थित सभागारों का ध्यान आकर्षित किया।
ज्योतिप्रसाद अगरवाला जी के बारे में जानकारी प्राप्त करने हेतु उनके जन्म स्थान तामुलबाड़ी में बहुत सारे सामानों को संरक्षण किया गया है। मौके पर उपस्थित व्यक्तियों ने संग्रहित सामानों का निरीक्षण करते हुए ज्योतिप्रसाद अगरवाला के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने का एक सुनहरा मौका अपने ज़हन में समावेश किया। यह जानकारी मारवाड़ी सम्मेलन , डिब्रूगढ़ शाखा के सचिव सुरेश अगरवाल द्वारा दी गई है |




















