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क्या आप भी क्रेडिट कार्ड उपयोग करते हैं तो साइबर ठगों से सावधान 

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प्रेरणा ब्यूरो, शिलचर 9 जुलाई: बीनाकांदी घाट के रहने वाले हिंदी शिक्षक सुनील कुमार सिंह के साथ 99995/- का फ्रॉड हो गया और उन्हें पता भी नहीं चला। हमारे प्रतिनिधि को उन्होंने बताया कि पिछले महीने 4 जून को उन्हें क्रेडिट कार्ड से कुछ ऑर्डर करना था तो पता चला कि उनके कार्ड की लिमिट समाप्त हो गई है। उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ कि उनके कार्ड की लिमिट डेढ़ लाख रुपया थी और उन्होंने 50000/- का ही उपयोग किया था तो लिमिट समाप्त कैसे हुई? उन्हें पता चला कि पिछले 23 अप्रैल को उनके दोनों क्रेडिट कार्ड से 99995/- रुपए की फ्लिपकार्ट से शॉपिंग की गई है।  वे तुरंत बैंक गए, बैंक वालों ने बोला कि आपने ओटीपी शेयर किया है, इसमें हम लोग कुछ नहीं कर सकते। थाने में गए थाने वालों ने कहा कि साइबर क्राइम की ऑनलाइन साइट पर कंप्लेंट कीजिए। उन्होंने ऑनलाइन कंप्लेंट भी कर दिया। सुनील जी ने बताया कि जिस दिन फ्रॉड हुआ, उस दिन उनके पास अज्ञात नंबर से फोन कॉल भी आई थी और उनसे ओटीपी पूछा गया था किंतु उन्होंने उन नंबरों को ब्लॉक कर दिया फिर भी फ्रॉड कैसे हुआ। कंप्लेन करने के कुछ दिन बाद अपना मोबाइल चेक करते समय, उन्होंने देखा कि फ्रॉड वाले दिन उनके पास जितने मैसेज आए हैं, सब दूसरे नंबर पर ट्रांसफर किया गया है जो कि उन्होंने किया नहीं। अर्थात उनका मोबाइल हैक करके यह सारा फ्रॉड शॉपिंग की गई और उन्हें भनक तक नहीं लगी। साइबर सेल वालों का कहना है कि ऐसा तभी होगा जब आप कोई अपरिचित मोबाइल ऐप डाउनलोड करेंगे या चुपके से कोई मोबाइल एप आपके मोबाइल में ऑटोमेटिक डाउनलोड हो जाएगा। मोबाइल हैक तभी होता है जब इस तरह के ऐप मोबाइल में आ जाते हैं, इस घटना के बाद सुनील जी ने अपने मोबाइल से अवांछित मोबाइल एप्स को डिलीट कर दिया था, इसलिए पता नहीं चल पाया की किस ऐप से हैकिंग की गई। स्क्रीन शेयर करने से भी सभी जानकारी दूसरे को हो जाती है, उन्होंने कहा कि उन्होंने इस घटना के दिन तक कभी किसी के साथ स्क्रीन शेयर नहीं किया। कभी-कभी दूसरे के हाथ में भी मोबाइल चले जाने से ऐसा हो सकता है, उन्होंने बताया उस दिन पूरे समय मोबाइल उनके पास ही था।
सुनील सिंह के शब्दों में उनके साथ हुई घटना का विवरण: सविनय निवेदन यह है कि 23 अप्रैल 2024 को मेरे दो क्रेडिट कार्ड से 99,995/- का साइबर फ्रॉड हुआ है। जबकि मैंने किसी प्रकार का OTP शेयर नहीं किया है। 23 अप्रैल सुबह 8.42 मिनट पर मेरे फ्लिपकार्ट अकाउंट में किसी दूसरे नए डिवाइस में लॉगइन किया गया। इसके बाद 10 मिनट के अंदर मेरे एक्सिस बैंक क्रेडिट कार्ड नंबर 400060118696527 से 09 (नव) और आईसीआईसीआई बैंक क्रेडिट कार्ड नंबर 4315813501885006 से 01 (एक) डिजिटल गिफ्ट कार्ड का ऑर्डर मेरे ही फ्लिपकार्ट खाते में दिया गया।  इस डिजिटल गिफ्ट कार्ड को एक ही समय में दो ई-मेल पर भेजा गया। दस डिजिटल गिफ्ट कार्ड में से 09 (नौ) कार्ड को Krk26674@gmail.com पर तथा 01(एक) कार्ड को bablikonaru23@gmail.com पर भेजा गया है। इस पूरी प्रक्रिया में मैंने किसी प्रकार का ओटीपी साझा नहीं किया है। इस फ्रॉड की जानकारी में मैंने 4 जून 2024 को एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और फ्लिपकार्ट के कस्टमर केयर नंबर पर दिया। फ्लिपकार्ट ने अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है और दोनों बैंक का कहना है कि- “मैंने ओटीपी शेयर किया है।” जबकि मैंने कोई ओटीपी शेयर नहीं किया है। मैंने ऑनलाइन साइबर क्राइम पोर्टल और पीएमओ शिकायत में भी इस धोखाधड़ी की शिकायत की है। पीएमओ शिकायत में मेरी शिकायत बंद कर दी गई है। साइबर क्राइम से अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है।
जिसका विवरण निम्नलिखित है-
* PMO Grievance Registration No- DEABD / E / 2024/0037789
* Cyber Crime Acknowledgement No:- 20406240004628
* Cyber Crime Acknowledgement No-20206240004630
इतना कुछ करने के बाद भी अभी तक निराशा ही हाथ आया है। मेरे समझ में नहीं आ रहा कि अब मैं क्या करूं । बस एक आखिरी उम्मीद की किरण आप में ही दिख रही है। इस मामले से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दे रहा हूं। जिस दिन और जिस समय फ्रॉड हुआ, ठीक उसी समय सुबह 9.07 बजे 8509214687 नंबर से कॉल करके मेरा नाम पूछा गया था। उस समय मेरा सभी SMS मोबाइल नंबर 08509214687 और मोबाइल नंबर 06305522763 पर फॉरवर्ड किया गया है। तथा एक (नंबर दिखाई नहीं दे रहा है, संभवतः कोई अंकित हो) पर अग्रेषित किया गया है। एक जानकारी और दूं कि मेरा ईमेल आईडी-sunilkumarsingh94351@gmail.com 20 अप्रैल 2024 तक एक अन्य संदिग्ध डिवाइस 12310 (एक दो तीन एक शून्य) पर लॉगिन था। पासवर्ड चेंज करने पर भी लॉगआउट नहीं हो रहा था। इस डिवाइस पर लॉगआउट का विकल्प नहीं आ रहा था। इस डिवाइस से लॉगआउट करने के लिए गूगल को ईमेल करना पड़ा, फिर लॉगआउट का विकल्प आया। इस फ्रॉड के तह तक जाने के लिए कुछ बिंदुओं पर छानबीन करने पर करने की आवश्यकता है ।
जैसे:- 1- 23 अप्रैल 2024 को मेरे फ्लिपकार्ट अकाउंट में किस डिवाइस में लॉगइन किया गया था?, 2- मेरे फ्लिपकार्ट अकाउंट से दो ईमेल आईडी (Krk26674@gmail.com और bablikunaru23@gmail.com) पर डिजिटल गिफ्ट कार्ड भेजा गया था। यह दोनों ईमेल आईडी किसके हैं?, 3-मेरा ईमेल आईडी sunilkumarsingh94351@gmail.com संदिग्ध डिवाइस 12301 पर डाउनलोड करने वाला कौन है?, 4- इस फ्रॉड से संबंधित सभी एसएमएस तीन नंबर (06305522763, 08509214687, N) पर फॉरवर्ड किया गया हैं। यह कौन चला रहा है? एवं 5- फ्रॉड के समय मोबाइल नंबर. 08918208828 से एसएमएस आया था। यह किसका नंबर है? बल्कि श्रीमान से नम्र निवेदन है कि मेरे हुए साथ फ्रॉड के तह तक तक पहुंचकर दोषी को सजा दिलवाई तथा मेरे नुकसान की भरपाई कराई जाए।
अब सवाल यह है कि बैंक इसमें कुछ नहीं कर रहा जबकि पैसा बैंक से ही ट्रांसफर हुआ है तो किसके पास गया है यह तो बैंक को पता होगा? स्थानीय पुलिस कुछ नहीं कर रही क्योंकि मामला साइबर क्राइम का है, अभी 1 महीने हो गए शिकायत किए हुए अभी तक कोई विशेष जानकारी हासिल नहीं हूई, क्राइम करने वाले क्या इतने दिन तक पकड़े जाने के लिए इंतजार करेंगे? आम आदमी की मुश्किल यह है की सभी काम धीरे-धीरे ऑनलाइन होता जा रहा है और शासन प्रशासन की मुश्किल यह है की ऑनलाइन फ्रॉड पकड़ पाना उनके लिए संभव नहीं हो रहा है अर्थात सरकार आम आदमी को ठगे जाने के लिए बाध्य कर रही है। जाब देने के नाम पर, पैसा डबल करने के नाम पर, लॉटरी लग जाने के नाम पर विभिन्न प्रकार से साइबर अपराधी साधारण जनता को अपने जाल में फंसा लेते हैं और अकाउंट खाली कर देते हैं। ऐसे ठग केवल भारत से नहीं तो बाहर के देशों से भी यह सब काम कर रहे हैं। मैसेज आते हैं, क्लिक करते ही आदमी फंस जाता है, फोन कॉल आती है रिसीव करने से भी फंस सकता है। आदमी करे तो क्या करें, कैसे बचे ऑनलाइन फ्रॉड से? सरकार को इस बारे में जनता को जागरूक करने के लिए अभियान चलाना चाहिए, उपाय बताना चाहिए, जब साइबर अपराधियों को पकड़ नहीं सकते तो कम से कम उनसे बचने का उपाय तो बताओ।

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