लखनऊ. यूपी के हाथरस में हुई भगदड़ के मामले में योगी सरकार ने पहला एक्शन लेते हुए SDM रविंद्र कुमार, CO आनंद कुमार के अलावा इंस्पेक्टर आशीष कुमार, तहसीलदार सुशील कुमार, चौकी इंचार्ज कचौरा मनवीर सिंह व पारा चौकी इंचार्ज बृजेश पांडे को सस्पेंड किया. सरकार ने SIT की रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की है. एसआईटी ने CM योगी को 900 पेज की रिपोर्ट सौंपी है.
वहीं दूसरी ओर हाथरस हादसे का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. आज याचिकाकर्ता वकील विशाल तिवारी से चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा मैंने कल ही याचिका को लिस्टेड करने का आदेश दिया. याचिका में हादसे की जांच रिटायर्ड जस्टिस की निगरानी में पांच सदस्यीय टीम से कराने की मांग की गई थी. SIT ने रिपोर्ट में कहा है कि हादसे में साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है. इसकी गहनता से जांच जरूरी है. हादसा आयोजकों की लापरवाही से हुआ. पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया. वरिष्ठ अफसरों को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई. भीड़ के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए. आयोजकों ने बिना पुलिस वैरिफिकेशन के जिन लोगों को अपने साथ जोड़ा उनसे अव्यवस्था फैली है.
जांच के दौरान 150 अधिकारियों, कर्मचारी व पीडि़त परिवारों के बयान दर्ज किए. एसआईटी ने कहा कि SDM, CO, तहसीलदार, चौकी इंचार्ज ने अपनी जिम्मेदारी में लापरवाही की है. एसडीएम ने बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किए अनुमति दी. वरिष्ठ अधिकारियों को भी जानकारी नहीं दी. घटनास्थल पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था भी नहीं थी. रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई कि भोले बाबा के कार्यक्रम के आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम की अनुमति ली. आयोजकों ने पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया. पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोकने का प्रयास किया. हादसे के बाद आयोजक मंडल के सदस्य घटनास्थल से भाग गए. सीएम योगी ने हादसे के 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की थी. लेकिन एसआईटी ने जांच पूरी करने में 6 दिन लगा दिए. आगरा जोन की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुपम कुलश्रेष्ठ एसआईटी प्रमुख हैं.