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सहयोग की महिमा अपार
रूपया एक हो या हजार।।
बूंद-बूंद से भरता घड़ा
सहयोग से होता मंजिल खड़ा।।
सहयोग मे मिला एक आना या करोड़
सहयोग का नहीं है कोई तोड़।।
सहयोग मे देता कोई धन
कोई करता अर्पित मन।।
सहयोग का अर्थ ही है तन मन धन।।
सहयोग होता है अतुलनीय
सहयोग न होता है अमीर न दयनीय।।
सहयोग नही होता छोटा-बड़ा में पृथक
सहयोग की राशि सिर्फ होता सार्थक।।
पवन कुमार शर्मा (शिक्षक )
दुमदुमा (असम)
मो नं ९९५४३२७६७७