फॉलो करें

कल्की ने एक बार फिर सिद्ध किया अमिताभ बच्चन की अभिनय की श्रेष्ठता 

64 Views
उन्होंने भूत का किरदार निभाया, जिन्न बने, बच्चा बने, गॉड बने… खास बात ये है कि 65 वर्ष की उम्र की दहलीज पार करने के बाद उन्होंने इस तरह के चुनौतीपूर्ण किरदार निभाए। सब कुछ हटा कर अगर सिर्फ अभिनय की बात करें अमिताभ बच्चन ने 20वीं सदी में बॉक्स ऑफिस पर जितने चमत्कार किए थे, उसका कई गुना करामात उन्होंने 21वीं सदी में कर दिखाया है।
हाल ही में रिलीज हुई #Kalki2898AD की ही बात करें तो इतने बड़े-बड़े अभिनेताओं के होने के बावजूद ये अमिताभ बच्चन की फिल्म बन गई है और यही इस बूढ़े शेर की खासियत है। खासियत है इनकी कि उम्र के साथ इनकी आवाज़ और अधिक दमदार होती चली जा रही है और अभिनय की विभिन्न विधाओं का एक ही दृश्य में प्रदर्शन कर देना इनकी सबसे बड़ी क्षमता बनती जा रही है। अश्वत्थामा के किरदार में #AmitabhBachchan की कद-काठी उनका भरपूर साथ देती है, शेर की दहाड़ जैसी उनकी आवाज़ इस किरदार में जान डालती है और उनकी रहस्यमयी आँखें सचमुच ये एहसास दिलाती हैं कि ये किरदार 5000 वर्षों का इतिहास अपने भीतर समेटे हुए है।
असल में अमिताभ बच्चन ने छा जाने की ये विधा अपनी कमबैक फिल्म ‘मोहब्बतें’ से ही सीख ली थीं, जब उन्होंने 10 अभिनेता-अभिनेत्रियों के बीच अपने किरदार में ऐसी जान डाली कि इस फिल्म को उनके ‘परंपरा, प्रतिष्ठा, अनुशासन’ के लिए याद किया जाने लगा। शाहरुख़-सलमान की फिल्मों में एक ज़िंदादिल पिता का किरदार अदा करना हो या फिर ‘सरकार’ सीरीज में ‘गॉडफादर’ सदृश किरदार हो, अमिताभ बच्चन ने कभी इसकी परवाह नहीं की कि फिल्म में उनका कितनी देर का किरदार हैं या फिर कौन से और अभिनेता-अभिनेत्री हैं।
आप ‘पीकू’ को भी इसी श्रेणी में देख सकते हैं, जितने बंगाली अमिताभ बच्चन इस फिल्म में लगे हैं उतने बंगाली शायद बंगाल का कोई अभिनेता भी नहीं लगता। आप उन्हें 15-16 साल के बच्चों के साथ फिल्म में डाल दीजिए या फिर ‘ऊँचाइयाँ’ में बुजुर्गों के साथ, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। ‘कल्कि’ को और अच्छा बनाया जा सकता था, जिसमें कोई शक नहीं है, लेकिन, इस फिल्म में अगर बिग बी की जगह कोई और अभिनेता होता तो शायद आज प्रभाष गालियाँ सुन रहे होते। अमिताभ बच्चन ने इस फिल्म को ढोया है, उन्हें अधिक स्क्रीन स्पेस देकर निर्देशक ने भी चतुराई बरती है।
भारत के निर्माता-निर्देशकों को मैं यही कहूँगा कि अगर आपके पास कोई ऐसा किरदार है जो आपको अत्यधिक चुनौतीपूर्ण लग रहा हो या फिर आप संशय में हों कि किस अभिनेता को इसे दिया जाए, बेधड़क Amitabh Bachchan को एप्रोच कीजिए। इस व्यक्ति के पास जो भी समय बचा है, उसमें ही ये भारतीय सिनेमा को अपना सर्वश्रेष्ठ देने वाला है। मुझे अभी भी लगता है कि 81 वर्ष की उम्र के बाद अब भी उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बचा हुआ है। अगर #Kalki के दूसरे भाग में भी वो होते हैं और उम्र व स्वास्थ्य उनका साथ देता है तो वो भारत की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म होगी।
इस उम्र तक भला कौन ही अभिनय करता है, आप ही सोचिए न। 75 तक आते-आते धर्मेंद्र भी ठंडे पड़ गए थे, मिथुन चक्रवर्ती ने 74 की उम्र में बिस्तर पकड़ लिया है, विनोद खन्ना 70 की आयु में कैंसर से चल बसे, गोविंदा का तो 45 साल के होते-होते करियर ही खत्म हो गया, राजेश खन्ना ने 60 पार होते ही बी-ग्रेड फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था, शशि कपूर के बुढ़ापे का कोई रोल ही किसी को याद नहीं। हाँ, शम्मी कपूर ने ज़रूर बुजुर्ग होने के बाद कुछ अच्छे किरदार निभाए लेकिन सब में उन्हें गुस्सैल पिता ही बनाया गया। मुन्नाभाई सीरीज छोड़ दें तो सुनील दत्त भी बुढ़ापे के दिनों में सक्रिय नहीं रहे। जितेंद्र जैसे अभिनेता अंत में बड़े भाई का किरदार निभाते-निभाते थक कर निकल लिए। कुल मिला कर देखें तो अपने समय के अभिनेताओं में सबसे अधिक Versatile अमिताभ बच्चन ही निकले। उनकी यात्रा अनवरत जारी है।
साभार फेसबुक

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल