बेंगलुरू। कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 27.5% की बढ़ोतरी की है. सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद राज्य कैबिनेट ने सोमवार को इस फैसले पर अपनी मुहर लगाई है. जानकारी के मुताबिक, कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ 1 अगस्त 2024 से मिलने लगेगा. कर्नाटक सरकार को इस कार्यान्वयन पर सालाना 17,440.15 करोड़ रूपये का अतिरिक्त खर्च आएगा. वेतन में वृद्धि का उद्देश्य सात लाख सरकारी कर्मचारियों के मनोबल और उत्पादकता को बढ़ावा देना है, जिससे बदले में अधिक कुशल सार्वजनिक सेवाएं मिल सकें. इससे पहले मार्च 2023 में बसवराज बोम्मई की सरकार ने कर्मचारियों के वेतन में 17% की बढ़ोतरी की थी.
इससे सरकारी खजाने पर सालाना 17,440.15 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ने का अनुमान है. कर्नाटक राज्य सरकारी कर्मचारी संघ की अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की योजना की घोषणा के बाद से ही सिद्धरमैया सरकार पर वेतन वृद्धि से संबंधित निर्णय लेने का दबाव था.
तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मार्च 2023 में कर्मचारियों के वेतन में अंतरिम तौर पर 17 प्रतिशत की वृद्धि की थी. इसमें सिद्धरमैया सरकार 10.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है. सूत्रों ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत इससे मूल वेतन पर कुल 27.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी.
क्या है 7वां वेतनमान- 7वां वेतन आयोग, कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में बदलाव की समीक्षा और सिफारिश करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्थापित एक पैनल है. 7वें वेतन आयोग ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में 23.55% की वृद्धि की सिफारिश की थी.