कोलकाता, 21 जुलाई। तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने रविवार को धर्मतला में शहीद दिवस समारोह में भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने रुख को साफ करते हुए भाजपा पर तीखा हमला किया। ममता ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए दावा किया कि केंद्र में अधिक दिनों तक एनडीए की सरकार नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि बंगाल ही इसका रास्ता दिखाएगा।
ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को साफ संदेश दिया कि वे किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि अगर कोई गलती करेगा, तो उसे नहीं छोड़ा जाएगा। हम गिरफ्तार करेंगे। आप गलत काम न करें और न ही गलत सहें। महिलाओं का सम्मान करें। उन्होंने यह भी जोर दिया कि पार्टी में किसी के खिलाफ शिकायत मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। ममता ने अपनी पार्टी के नेताओं से कहा कि वे लोभ न करें और जो कुछ उनके पास है, उसी से संतुष्ट रहें। उन्होंने कहा, “मैं चाहती हूं कि आप गरीब रहें। इसका मतलब है, जो आपके पास है, उससे संतुष्ट रहें। हमें लालच नहीं करना चाहिए।”
ममता ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे उनके काम में बाधा डालने के लिए अदालत का सहारा लेते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा आंदोलन में कुछ नहीं कर सकती। मेरे पास 10 लाख सरकारी नौकरियां हैं, लेकिन जब भी मैं कुछ करने जाती हूं, वे अदालत में चले जाते हैं। कभी कहते हैं 26 हजार की नौकरी खा रहे हैं, कभी 42 हजार की। ममता बनर्जी ने कहा कि हम बंगाल की पहचान को बचाएंगे। बंगाल ही देश की पहचान को बचाएगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके शासन में गरीबी दर आठ फीसदी तक घट गई है। उन्होंने कहा कि हमारे शासन में, 57.6 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे थे, जो अब 40 फीसदी तक हो गया है।
ममता ने गर्व से कहा कि उनकी पार्टी ने लोकसभा में 38 फीसदी चुने हुए प्रतिनिधियों को भेजा है। उन्होंने इसे पार्टी की सफलता बताया और कहा कि ये प्रतिनिधि उनकी पार्टी की ताकत हैं। ममता ने एजेंसियों के दबाव के बावजूद जनता के समर्थन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि चुनाव में एकतरफा एजेंसियों के दुरुपयोग के बावजूद, लोग हमारे साथ खड़े रहे और हमें जीत दिलाई। ममता ने अपने संबोधन की शुरुआत समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को धन्यवाद देते हुए की। उन्होंने कहा कि अखिलेश को धन्यवाद, जो वे बंगाल आए। दिल्ली की सरकार ज्यादा दिन नहीं टिकेगी। उत्तर प्रदेश में अखिलेश ने खेल दिखाया है। भाजपा को हटाया जाना चाहिए।
धर्मतला में ममता के पहुंचने पर भारी उत्साह देखा गया। उनके साथ अखिलेश यादव भी थे, जिनका स्वागत जोश से किया गया। सभा स्थल पर भारी भीड़ उमड़ी थी और ममता ने बारिश के बावजूद अपने संबोधन को जारी रखा। उन्होंने इसे ईश्वर का आशीर्वाद बताया और कहा कि 21 जुलाई को थोड़ी बारिश तो होगी ही। यह शहीदों के आंसू हैं। इस जल से डरें नहीं। ममता बनर्जी का यह संबोधन कई मायनों में महत्वपूर्ण था, जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख, भाजपा पर प्रहार और अपनी पार्टी की नीतियों को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया।