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शिवकुमार शिलचर, 24 जुलाई: भोराखाई गांव, शिलचर एनआईटी के निकट स्थित है, जहां हर घर में बिजली की रोशनी पहुंच चुकी है। लेकिन एक विडंबना यह है कि गांव में स्थित शीतला मैया के मंदिर में अब भी अंधेरा है। यह मंदिर गांववालों की आस्था का केंद्र है, जहां वे अपनी खुशहाली और उज्ज्वल भविष्य के लिए हर साल पूजा-अर्चना करते हैं।
गांववासियों का कहना है कि शीतला मैया के मंदिर में बिजली की कमी एक बड़ी समस्या है। हर साल, पूरे गांव के लोग यहां मां शीतला की पूजा करने आते हैं और अपने जीवन में उजाले की प्रार्थना करते हैं, लेकिन मंदिर में बिजली न होने के कारण यहां अंधेरा रहता है। यह स्थिति सभी के लिए चिंताजनक है क्योंकि मंदिर में बिजली न होने के कारण रात के समय पूजा और अन्य धार्मिक कार्यों में बाधा आती है। इसके अलावा, मंदिर का निर्माण भी अधूरा है। गांववासियों का कहना है कि मंदिर को पूरी तरह से बनाने के लिए धन और संसाधनों की कमी है। अधूरे निर्माण के कारण मंदिर का स्वरूप और उसकी पवित्रता पर भी असर पड़ता है। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने कई बार स्थानीय प्रशासन और बिजली विभाग से मंदिर में बिजली की व्यवस्था करने की अपील की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। गांववासियों की मांग है कि जल्द से जल्द मंदिर में बिजली की व्यवस्था की जाए ताकि वे अपने धार्मिक कर्तव्यों को बिना किसी परेशानी के पूरा कर सकें।
शीतला मैया का यह मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि गांव के सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन का अभिन्न हिस्सा भी है। यहां हर साल विभिन्न त्योहारों और आयोजनों के दौरान पूरे गांव के लोग एकत्र होते हैं। बिजली की अनुपलब्धता के कारण इन आयोजनों में कठिनाई आती है और मंदिर का माहौल भी प्रभावित होता है।
गांववासियों का यह भी कहना है कि यदि मंदिर में बिजली की व्यवस्था हो जाती है, तो इससे न केवल उनकी धार्मिक गतिविधियों में सहूलियत होगी, बल्कि यह मंदिर भी और अधिक आकर्षक बनेगा और यहां अधिक लोग पूजा के लिए आ सकेंगे।
आशा है कि स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभाग इस समस्या को गंभीरता से लेंगे और शीघ्र ही शीतला मैया के मंदिर में बिजली की व्यवस्था करेंगे, ताकि गांववासियों की आस्था और विश्वास बना रहे और वे अपनी धार्मिक गतिविधियों को निर्विघ्न रूप से संपन्न कर सकें।