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परिवारजनों का दावा पुलिस मठभेड़ में मारे गए तीन युवक उग्रवादी नहीं थे

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चंद्र शेखर ग्वाला लखीपुर, २६ जुलाई : गौहाटी उच्च न्यायालय ने काछाड़ जिले के चेकरचाम में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए तीन संदिग्ध आतंकवादियों के शवों को 26 जुलाई तक सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शवगृह में रखने का आदेश दिया है।  मृतकों का परिवार ने गौहाटी उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर कर दावा किया है कि यह एक परिकल्पित हत्या थी। तीन परिवारों की ओर से 19 जुलाई को काछाड़ के लखीपुर थाने में मामला दर्ज कराया गया था। शुक्रवार को म्हारकुलिन में तीनों मृतकों के परिजनों ने पत्रकार वार्ता के जरिए  कहा कि उनकी मौत मुठभेड़ में नहीं हुई है, पुलिस द्वारा योजनाबद्ध तरीके से उन्हें मार डाला गया है ,वे तीनों युवक किसी उग्रवादी संगठन से युक्त नहीं थे। मृतकों का परिवार समेत म्हार समुदाय के लोगों ने न्याय के लिए गौहाटी उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। फिलहाल उनकी शव पोस्टमार्टम के लिए मुर्दाघर रखा गया है। अदालत ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में अदालत को भेजने का आदेश दिया। मृतकों के परिजनों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है,उन्होंने मांग की है कि पोस्टमार्टम असम राज्य के बाहर के डॉक्टरों से कराया जाए, उन्हें कोर्ट से न्याय मिलने की उम्मीद है।वे यह भी कहते हैं कि यदि पुलिस सर्वशक्तिमान हो तो जेलों या अदालतों की कोई आवश्यकता नहीं है। ज्ञात रहे है कि पुलिस के अनुसार 16 जुलाई को कचुदरम पुलिस ने इन्हें चेकार्चम से गिरफ्तार किया था, 17 जुलाई को पुलिस तीनों को लेकर भुबन पहाड़ गयी, वहां पहले से ही 6/7 लोगों का उग्रवादी समूह छिपा हुआ था। जब पुलिस उन्हें लेकर वहां पहुंची तो उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी और पुलिस ने भी उन पर फायरिंग कर दी। कछाड़ के पुलिस अधीक्षक नुमाल महतो ने बताया था कि इस मुठभेड़ में उनकी मौत हो गई थी।

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