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खरील चाय बागान की जमीन पर अवैध अतिक्रमण का श्रमिकों ने किया प्रतिवाद

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शिलचर 30 जुलाई : खरील चाय बागान के मजदूरों के सपने को सच बताकर एक भु माफिया गिरोह ने कुछ बीघे जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। रविवार को खरील चाय बागान के दुर्गा मंडप में एक विरोध सभा आयोजित हुई, इस सभा में फाड़ी बागान मासीमपुर, कालीगर और कोनाटिला पतितला, खुल्ली और लालपानी सहित खरील चाय बागान के श्रमिकों ने भाग लिया। मासीमपुर मंडल के बागान पंचायत के कार्यकर्ताओं की ओर से रामकुमार मालाह, विष्णुलाल मालाह, मुन्ना भर, बापन बाउरी, बाबुल मालाह, राधेश्याम बाउरी, लक्षीप्रसाद,बाउरी ,खरील बगान से टुनु नायक, सुब्रत ओड़िया, मनिहार बाउरी, श्रीप्रसाद नायक, राजकुमार बाउरी, जीबन ग्वाला  और मधु रुद्रपाल, खरील डिवीजन के लिए राजू सिंह भूमिज, कालीनगर डिवीजन से अमरेश बाउरी, जयलाला मुरा, जगदीश भूमिज और लालबाबू बाउरी शामिल रहे । उन्होने कहा कि हमें बागान शुरू करने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन, सपना दिखाकर चाय बागान की जमीन पर अवैध कब्जा नहीं होने देंगे ,हम सभी चाय बागान वंशावली गतिविधियों से जुड़े हैं। हम इसे नष्ट नहीं होने देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बागान बंद होने के बाद मजदूर बेरोजगार हो गये हैं, भूखे रहकर दिन गुजार रहे हैं। कई लोग बगीचे की भूमि पर कृषि कार्य करके जीवन निर्वाह कर रहे हैं। अब अचानक बागान किसी और को सौंप दिया जाए तो इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि जरूरत पड़ी तो कर्मचारी मजबूत आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे । बागान पंचायत रामकुमार माला ने पत्रकारों को बताया कि करीब 40 साल पहले खरील चाय बागान अचानक बंद हो गया, बागान बंद होने के बाद मजदूरों के साथ कोई खड़ा नहीं हुआ, यहां तक कि मालिक ने भी पार्टियों और मजदूरों की खबर नहीं लिया। भु माफियाओं ने एक  प्रबंधक को सामने रखकर और एक महीने के भीतर मालिक से चर्चा करने का वादा किया, लेकिन आज तक कोई भी नहीं देखा गया है। इससे कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया। रामकुमार मालाह ने कहा कि अन्नपूर्णाघाट बराक सेतु के शुभारंभ के बाद यह गिरोह सक्रिय हो गया है,डोलू-मेनारबंद रोड के पास खरील बागान की जमीन पर अवैध कब्जे का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक बगान मजदूर कृष्णा सिंह भुमिज की भूमि पर कुछ लोगों ने बेढ़ा लगाकर कर जमीन पर अवैध कब्जा कर रहे हैं। बागान बंद होने के बाद से कृष्णा सिंह के साथ अन्य मजदूर अपने परिवारों के साथ बगीचे के भूखंडों में सब्जियों की खेती करते आ रहे हैं। कब्जे को लेकर बागान कर्मियों में काफी आक्रोश है, ज्ञात रहे कि खरील चाय बागान के पास करीब 6500 बीघे जमीन है।
रामकुमार मालाह ने कहा कि आज की सभा का निर्णय  लिया गया कि अगर मालिक पक्ष बगीचा लगाना चाहते हैं तो वे  मदद करेंगे। लेकिन बागान बेचने की योजना है तो इससे  पहले मजदूरों का बकाया धनराशि का भुगतान करना होगा। बागान की जमीन पर अवैध कब्जा करने की कोशिश करने वाले भु माफियाओं का गिरोह को स्वीकार नहीं किया जा सकता। भूमि कब्जा करने वाले गिरोह के खिलाफ जांच करने और उचित कार्रवाई करने के लिए बराक चाय श्रमिक संघ के साथ-साथ कछाड़ के जिला आयुक्त, जिला पुलिस अधीक्षक और बराक चाय श्रमिक संघ के साथ राज्य के मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन जारी करने का निर्णय लिया गया है। चाय श्रमिकों ने साफ कर दिया है कि अगर 15 दिनों के अंदर जिला प्रशासन इस संबंध में कार्रवाई नहीं करता है, तो जोरदार आंदोलन किया जायेगा।

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