85 Views
राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था, ‘शब्दाक्षर’ के मंच पर जहानाबाद शब्दाक्षर, जिला इकाई की अध्यक्ष सावित्री सुमन द्वारा स्वरचित काव्य संग्रह ‘यहां मोहब्बत सिसक रही है’ का भव्य लोकार्पण जहानाबाद के एक निजी होटल में संपन्न हुआ,जिसमें पाँच जिलों से पधारे ‘शब्दाक्षर’ पदधिकारियों ने सहभागिता की।
कार्यक्रम का शुभारंभ लोकार्पण विभूति शब्दाक्षर के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह, कार्यक्रम अध्यक्ष व बिहार प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार मिश्रा, मुख्य अतिथि एवं राष्ट्रीय प्रचार मंत्री धनंजय जयपुरी, विशिष्ट अतिथि ‘शब्दाक्षर’ हावड़ा के जिला सचिव जनाब शकील अनवर, पं कन्हैया लाल मेहरवार एवं कार्यक्रम की संयोजक सावित्री सुमन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन एवं मां शारदे की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया।
इस दौरान कार्यक्रम की संयोजक सावित्री सुमन ने आगत अतिथियों को अंग वस्त्र एवं पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में लोकार्पण विभूति राष्ट्रीय अध्यक्ष ‘शब्दाक्षर’ रवि प्रताप सिंह के नेतृत्व में मंचासीन अतिथियों के द्वारा सावित्री सुमन द्वारा रचित ‘यहां मोहब्बत सिसक रही है’ नामक काव्य संग्रह का लोकार्पण किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह ने कहा कि ‘शब्दाक्षर’ संस्था काव्य क्षेत्र में नये-नये रचनाकारों को राष्ट्रीय स्तर के मंच पर प्रोत्साहित कर रही है।शब्दाक्षर की देश के 25 राज्यों के 169 जिलों में इकाइयां कार्यरत है। विगत वर्षों की ही भाँति ही इस वर्ष भी 20-21 एवं 22 सितंबर 2024 को रामनगरी अयोध्या में ‘शब्दाक्षर’ का वार्षिक साहित्योत्सव मनाया जाएगा,जिसमें देश भर से शब्दाक्षर पदाधिकारी सहभागिता करेंगे। उन्होंने सावित्री सुमन के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि रचनाओं का संग्रह कर सावित्री सुमन ने, काव्य क्षेत्र में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है। आने वाले समय में इनकी रचनाएं उपयोगी साबित होगी।
सावित्री सुमन ने अपने काव्य संग्रह ‘यहां मोहब्बत सिसक रही है के बारे में बताया कि’ इसमें प्रेम, विरह, श्रृंगार रस, संयोग, वियोग एवं अन्य सामाजिक मुद्दों को गजलों में रोचकता के साथ पिरोया गया है।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में काव्य समागम का आयोजन किया गया, जिसका हास्यपूर्ण संचालन विनय प्रखर मामूली बुद्धि ने किया, जिसमें जहानाबाद, अरवल, गया औरंगाबाद एवं नालंदा के आमंत्रित कवियों एवं कवयित्रियों में पं कन्हैया लाल मेहरवार, सुप्रिया कुमारी, धनंजय जयपुरी, संजय अनु, कल्पना आनंद, शंकर शर्मा, चितरंजन चैनपुरा, महेश मधुकर, मुमताज प्रिया, राखी केसरी, पूनम कुमारी, संध्या केसरी, मंजू कुमारी, ममता कुमारी, रूबी कुमारी, अशोक कुमार गुप्ता, रंगनाथ शर्मा, रवि शंकर शर्मा सहित कई अन्य कवियों ने अपनी स्वरचित रचनाओं का पाठ कर श्रोताओं की तालियां बटोर कर महफिल को गुलजार किया।
समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापन ‘शब्दाक्षर’ बिहार प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र ‘पद्मनाम’ ने किया।