नई दिल्ली. हमास के चीफ इस्माइल हानिया को ईरान में मार गिराने के बाद मोसाद एक बार फिर से चर्चा में है. कहा जा रहा है कि हानिया को निशाना बनाने के लिए मोसाद ने पहले से ही बम प्लांट कर रखा था. इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रिमोट कंट्रोल सिस्टम का इस्तेमाल किया गया था ताकि कोई चूक न हो. तेहरान में हुए इस हमले पर ईरान ने सख्त प्रतिक्रिया जताई है. हानिया की हत्या के बाद युद्ध छिड़ने की भी आशंका जताई जा रही है क्योंकि यह हमला दूसरे देश की सीमा में घुसकर किया गया है.
इससे पहले भी इजरायल पर आरोप लगते रहे हैं कि वह ईरान में घुसकर इस तरह के ऑपरेशन और टारगेट किलिंग को अंजाम देता रहा है. इस हमले से पहले साइबर अटैक, न्यूक्लियर प्लांट में धमाके जैसी चीजें भी हो चुकी हैं. साथ ही, एक वैज्ञानिक को जहर देने और नेचुरल गैस की पाइपलाइन को तबाह करने के आरोप भी इजरायल पर लगे हैं. अब इस्मालिया हानिया की हत्या ने इन आरोपों को एक नई दिशा दे दी है.
सूत्रों के मुताबिक, तेहरान की यात्रा के दौरान इस्माइल हानिया इसी गेस्ट हाउस में ठहरता था. मोसाद ने उस कमरे का पता लगा लिया था जिसमें वह रुकता था. इस बार दौरे से पहले ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके एक बम लगा दिया गया था जिसे रिमोट से चलाया जा सके. कहा जा रहा है कि इस्माइल हानिया के वहां होने की खबर मिलते ही यह बम में विस्फोट कर दिया गया और हानिया समेत कई लोग मारे गए.
हालांकि, इजरायल ने आधिकारिक तौर पर इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है. इजरायल इंटेलिजेंस अधिकारियों ने इसके बारे में अमेरिका को बाद में सूचना दी. रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के प्रधानमंत्री और मोसाद के इनचार्ज बेंजामिन नेतन्याहू ने यह फैसला लिया था कि हानिया को खत्म करना है. इस तरह इजरायल ने खुद पर 7 अक्तूबर को हुए हमले का बदला लेने की कोशिश की है.
यह भी बताया गया है कि उस गेस्टहाउस में लगाया गया बम कई महीनों में वहां तक पहुंचाया गया था. गेस्ट हाउस के अंदर बम लगाने के लिए भी महीनों की प्लानिंग की गई थी