Bangladesh Unrest and Coup: बांग्लादेश में आरक्षण के विरोध में शुरू हुआ आंदोलन तख्तापलट तक आ पहुंचा और अब वहां ऐसी सरकार बनने की तैयारी हो रही है, जो लोकतांत्रिक तो नहीं होगी. अब बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनेगी, जिस पर सेना का नियंत्रण होगा. बांग्लादेख की सरकार अब सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान के इशारों पर चलेगी. आखिर बांग्लादेश में हालात इतने खराब कैसे हो गए. इसके पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) की साजिश हो सकती है. हो सकता है इस तख्तापलट के पीछे चीन का हाथ हो, क्योंकि शेख हसीना की भारत से अच्छी दोस्ती के कारण दखल नहीं दे पा रहा था.
पाक-चीन का रहा भारत के दोस्तों को अशांत करने का इतिहास
पाकिस्तान और चीन का इतिहास रहा है, वो भारत के पड़ोस में और भारत के दोस्तों को अस्थिर करने की साजिश रचते रहे हैं. बांग्लादेश के साथ भी चीन और पाकिस्तान ने यही किया है. बांग्लादेश में तख्तापलट के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ होने की पूरी आशंका है. इससे पहले श्रीलंका में जो तख्तापलट हुआ था उसके पीछे कहीं न कहीं चीन का हाथ था, क्योंकि चीन के कर्ज के कारण ही श्रीलंका महंगाई और आर्थिक संकट आया था. पाकिस्तान ने तालिबान को मदद दी थी, तभी तालिबान ने अफगनिस्तान पर कब्जा किया था. चीन के ही इशारे पर नेपाल में भी सत्ता परिवर्तन होता रहता है.
भारत से मजबूत रिश्ते वाले देशों में तख्तापलट
2021 में अफगानिस्तान में आतंकवादी संगठन तालिबान ने लोकतांत्रिक सरकार की जगह पर कब्जा किया था. 2021 में म्यांमार में सेना ने चुनी हुई सरकार को गिरा दिया और सैन्य शासन लागू कर दिया. 2022 में श्रीलंका में जनता के विद्रोह के कारण 2022 में तत्कालीन राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा. 2024 में बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना को ना सिर्फ इस्तीफा देना पड़ा,बल्कि देश छोड़कर भागना पड़ा. भारत के इर्द-गिर्द बीते 4 सालों में तख्तापलट हुए हैं. उन सभी देशों से भारत के मजबूत रिश्ते रहे हैं और कोई तो है तो चाहता है कि उन देशों से भारत के रिश्ते खराब हों.