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प्रे. सं. शिलचर, ७ अगस्त: हरियाली शब्द का अर्थ है चारों ओर हरियाली का विशाल विस्तार, गीली मिट्टी की सुखद गंध और उत्सव का साक्षी होना जिसे सावन अमावस्या या श्रावण अमावस्या भी कहा जाता है, श्रावण का महीना पृथ्वी को हरियाली के चादर में ढकने वाले मानसून के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। यही कारण है कि श्रावण अमावस्या के त्योहार को हरियाली के त्यौहार के रूप में जाना जाता है, जिसे भारतीय संस्कृति सदियों से निभाती आई है, हिन्दू संस्कृति वैज्ञानिक है कि यह प्रकृति की उदारता को बढ़ावा देती है। सरस्वती विद्या निकेतन मालुग्राम शिलचर में कल हरित दिवस मनाया गया। इसमें विद्या निकेतन के प्रधानाचार्य ने इस दिन की विशेषता पर प्रकाश डाला तथा प्रत्येक विद्यार्थी ने वृक्षों और प्रकृति से संबंधित चित्र बनाये और प्रकृति के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कुछ वाक्य लिखे । कक्षा नवम और दशम के विद्यार्थियों ने विद्यालय में वृक्ष लगाये ताकि प्रकृति के प्रति निष्ठा बनी रहे, दुनिया में खुशियाँ बनी रहती है। इस प्रकार वैदिक युग से चले आ रहे मूल्यों को वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों तक आगे बढ़ाया जा सकता है।