उदयपुर. उदयपुर में चाकूबाजी की घटना से उपजे उपद्रव के बाद अब शांति बहाल होने लगी है. हालांकि अभी तक चाकूबाजी में घायल हुए छात्र की स्थिति गंभीर बनी हुई. उसके इलाज के लिए जयपुर आई डॉक्टर्स की तीन सदस्यीय टीम उसके उपचार जुटी है. लेकिन शहर में अब शांति है. पुलिस सड़कों पर गश्त कर रही है. तनाव के माहौल में नरमी आई है. पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं. ऐहतियात के तौर पर शहर में नेटबंदी की मियाद रविवार रात 10 बजे तक के लिए बढ़ा दी गई है.
झीलों की नगरी उदयपुर में शनिवार को तनावपूर्ण शांति रही. पूरा शहर संगीनों के साए में रहा. निषेधाज्ञा के बीच घटना के विरोध में वकीलों ने टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया लेकिन पुलिस फोर्स की सतर्कता के चलते कोई अप्रिय वारदात नहीं हुई. वारदात के बाद भजनलाल सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए आरोपी के वन विभाग की जमीन पर बने अवैध मकान पर बुलडोजर चलाकर उसे जमींदोज कर दिया है.
घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार ने छात्र के इलाज के लिए जयपुर के एसएमएस अस्पताल से तीन वरिष्ठ डॉक्टर्स की टीम को चार्टर प्लेन से उदयपुर भेजा था. वे एमबी अस्पताल के डॉक्टर्स से समन्वय कर घायल स्टूडेंट्स के इलाज में जुटे हैं. उसके बाद शनिवार शाम को घायल स्टूडेंट का हेल्थ बुलेटिन जारी किया गया था. उसमें उसकी हालत स्थित बताई गई थी. डॉक्टर्स की बड़ी टीम घायल स्टूडेंट की हालत पर नजर बनाए हुए है.
उदयपुर में शुक्रवार को सुबह एक स्कूल में चाकूबाजी हो गई थी. उसमें एक स्टूडेंट ने दूसरे स्टूडेंट को चाकू से गोद दिया था. बाद में उसे गंभीर हालत में शहर के एमबी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसके बाद अफवाहों के चलते कुछ घंटों के बाद ही शहर में बवाल मच गया था. आक्रोशित भीड़ ने कई वाहनों को आग लगा दी. पथराव कर दिया. इससे शहर खौफ के साए में आ गया. बाद में पुलिस प्रशासन हरकत में आया और हालात को संभाला. अफवाहों को रोकने के लिए बाद में वहां इंटरनेट बंद कर दिया गया. शहर के सभी स्कूल आगामी आदेश तक बंद कर दिए गए और निषेधाज्ञा लागू कर दी गई.