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गणेश चतुर्थी 10 दिनों तक ही क्यों मनाई जाती हैं – डॉ.बी.के. मल्लिक
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी का जन्म हुआ था। इस दिन को गणेश चतुर्थी 10 दिनों तक ही क्यों मनाई जाती हैं गणेश चतुर्थी।
गणेश उत्सव को 10 दिनों तक मानने की परंपरा है। अनंत चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। 10 दिनों तक बिना रुके गणेश जी ने महाभारत लिखी थी।
भगवान गणेश प्रथम पूज्य माने जाते हैं। किसी भी मांगलिक कार्य की शुरुआत गणेश जी की पूजा से ही होती है। गजानन की पूजा करने से व्यक्ति के कार्य में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आती है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी की हर घर में स्थापना की जाते है, बप्पा 10 दिनों तक ही क्यों विराजित रहते हैं। सिर्फ 10 दिनों के लिए ही गणेश उत्सव क्यों मनाया जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार
पुराणों में गणेश उत्सव को लेकर कई कथाएं हैं। मान्यता है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी का जन्म हुआ था। इस दिन को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। 10 दिनों तक गणेश उत्सव मनाने का यह कारण है कि वेद व्यास जी ने भगवान गणेश से महाभारत ग्रंथ लिखने की प्रार्थना की थी, जिसके लिए उन्होंने 10 दिनों तक बिना रुके महाभारत लिखी थी। जब वेदव्यास जी ने देखा, तो गणेश जी का तापमान बहुत बढ़ा हुआ था, जिसके कारण 10वें दिन उन्हें नदी में स्नान करवाया। तभी से गणेश उत्सव की शुरुआत हुई है।
इतने दिनों में करें विसर्जन
गणेश उत्सव को 10 दिनों तक मानने की परंपरा है। अनंत चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। भगवान गणेश की प्रतिमा को एक दिन और डेढ़ दिन से लेकर तीन, पांच, सात और 10 दिनों तक घर में विराजित कर सकते हैं। इन सभी दिनों तक बप्पा को विराजित करने का उतना ही फल मिलता है, जितना कि अनंत चतुर्थी के दिन प्रतिमा का विसर्जन करने से मिलता है।
डॉ. बी.के. मल्लिक
वरिष्ठ लेखक
98100 75792