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प्रयागराज : गंगा- यमुना की बाढ़ ने मचाया हाहाकार, डूबे सैकड़ों घर, पांच हजार से अधिक लोग हुए बेघर

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प्रयागराज. जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी से गंगा-यमुना खतरे के निशान के करीब पहुंच गई हैं। नदियों के किनारे कछारी इलाकों में सैकड़ों घर डूब जाने से हजारों लोग बेघर हो गए हैं। लोगों को बाढ़ राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है या वे अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं। सोमवार सुबह आठ बजे तक फाफामऊ में 84.7 मीटर, छतनाग में 83.40 और नैनी में 83.90 मीटर तक जलस्तर पहुंच गया था। ऐसे में जलस्तर खतरे के निशान 84.734 मीटर के करीब पहुंच रहा है।
पिछले 24 घंटे में फाफामऊ में जलस्तर 1.20 मीटर, छतनाग में 1.20 सेंटीमीटर और नैनी में करीब एक मीटर बढ़ा है। हालांकि, पश्चिम से पानी आने की रफ्तार कम हुई है और विशेषज्ञों का मानना है कि सोमवार से कुछ राहत मिल सकती है। नैनी में अब आधा सेंटीमीटर प्रति घंटा और छतनाग में एक सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा है।
फिलहाल, जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी से सात बाढ़ राहत शिविरों को क्रियाशील कर दिया गया है। प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार बाढ़ से अब तक 15 मोहल्लों में रहने वाले 795 परिवार के 5075 लोग प्रभावित हुए हैं। इनमें से 254 परिवार के 1130 लोग शिविरों में शरण ले चुके हैं। ज्यादातर लोग घर डूबने के बाद अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं।

कई घरों की पहली मंजिल डूब गई है पानी में

तमाम घरों की पहली मंजिल डूबने के बाद लोग दूसरी मंजिल में रहकर अपने घरों की निगरानी कर रह हैं। एक साथ कई घर खाली हो जाने के कारण प्रभावित क्षेत्रों में चोरी की आशंका भी बढ़ गई है। छोटा बघाड़ा, राजापुर कछार, गंगानगर राजापुर, द्रौपदी घाट, बेली कछार, करेलाबाग, नेवादा, छोटा बघाड़ा, सलोरी, उंचवागढ़ी के प्रभावित क्षेत्रों की बिजली भी काट दी गई है, ताकि कोई दुर्घटना न हो। वहीं, बाढ़ राहत शिविरों में पहुंचे लोगों और बाढ़ में फंसे लोगों के लिए प्रशासन की ओर से खानपान की व्यवस्था की गई है।

बाढ़ राहत कार्य में लगीं 27 नाव

बाढ़ राहत कार्य के लिए प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने 27 नावें लगा दी हैं। फूलपुर तहसील के बदरा सोनौटी गांव में आवागमन के लिए छह नाव, करछना के भगेसर देहली गांव में एक और तहसील सदर के दारागंज में तीन, बघाड़ा में 10 एवं राजापुर में सात नाव लगाई गई हैं।

यहां बनाए गए बाढ़ राहत शिविर

बाढ़ से प्रभावित छोटा बघाड़ा मोहल्ले के लिए ऐनीबेसेंट स्कूल एलनगंज, राजापुर कछार के लिए ऋषिकुल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, द्रौपदी घाट के लिए कैंट हाईस्कूल सदर बाजार न्यू कैंट, गंगानगर राजापुर के लिए स्वामी विवेकानंद इंटर कॉलेज अशोक नगर, बेली कछार के लिए सेंट जोसेफ गर्ल्स हाईस्कूल मम्फोर्डगंज, करेलाबाग के लिए यूनिटी पब्लिक स्कूल करेली, बेली कछार के लिए महबूब अली इंटर कॉलेज स्टेनली रोड बेली चौराहा को शिविर बनाया गया है। इसके साथ ही बाढ़ राहत के लिए फोन नंबर (0532-2641577, 2641578) जारी किए गए हैं।

शिविरों में चिकित्साधिकारी, सिविल डिफेंस के वार्डन तैनात

बाढ़ राहत शिविरों और क्षेत्रों में प्रशिक्षित सिविल डिफेंस के वालंटियर तैनात कर दिए गए हैं। सहायक उप नियंत्रक एडीसी राजेश कुमार तिवारी ने बाढ़ राहत शिविरों एनी बेसेंट महबूब अली उमराव सिंह बालिका स्कूल का दौरा किया और बाढ़ क्षेत्र में फंसे लोगों को राहत शिविरों तक पहुंचाने में मदद की। इस दौरान स्टाफ ऑफ रिजर्वेशन रविशंकर द्विवेदी, एलके अहेरार, प्रमोद यादव, विश्वास रावत, अनूप कुमार, शैलेंद्र सिंह, मनोज पासी, अजय सोनी मौजूद रहे। इसके साथ ही प्रत्येक शिविर में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और चिकित्सा अधिकारियों की ड्यूटी भी लगा दी गई है।

पातालपुरी शनि तीर्थ में पहुंचा यमुना का पानी

श्री पातालपुरी शनि तीर्थ डांडी महेवा में श्री शनि देव के चरण पखारने के लिए यमुना ने रविवार को मंदिर परिसर में प्रवेश कर लिया। सुबह लगभग 8.15 बजे यमुना का जल तेजी से बढ़ते हुआ मंदिर में प्रवेश कर गया। इस अवसर पर बढ़ी संख्या में उपस्थित भक्तों ने शनि देव और मां यमुना की आरती उतारी।

ग्रामीण इलाकों में भी बाढ़ का कहर

बाढ़ का कहर ग्रामीण इलाकों में भी जारी है। नैनी, झूंसी, फाफामऊ के कई गांवोंं में बाढ़ का पानी घुस जाने के कारण आवागमन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।  पूरा संगम क्षेत्र बाढ़ के पानी में जलमग्न हो गया है। संगम स्नान करने आने वाले श्रद्धालु रामघाट पर ही स्नान कर रहे हैं। यहीं पर तीर्थ पुरोहितों की चौकियां भी लगाई गई हैं।

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