गुवाहाटी, 10 मई (हि.स.)। असम के नवनियुक्त मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि उनका लक्ष्य अगले 5 वर्षों में असम को देश के शीर्ष पांच राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा करना है। सोमवार को राजधानी के श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र स्थित अंतरराष्ट्रीय प्रेक्षागृह में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह की समाप्ति के बाद एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार दिन-रात राज्य की सेवा करेगी।
सरकार हर समय कार्य करती रहेगी। उन्होंने कहा कि मंगलवार को उनकी पहली कैबिनेट की बैठक आयोजित होगी जिसमें कोविड-19 के साथ ही अन्य कई मसले पर विचार-विमर्श के बाद महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य इस समय कोविड-19 के जबरदस्त प्रकोप को झेल रहा है। प्रत्येक दिन कोविड-19 पॉजिटिव की संख्या में पांच हजार की वृद्धि हो रही है।
उन्होंने कहा कि पूरे पूर्वोत्तर के साथ ही असम में भी कोविड-19 कंट्रोल से बाहर जा रहा है। इस पर नियंत्रण करना उनके सरकार की पहली प्राथमिकता रहेगी। मुख्यमंत्री ने उल्फा (स्वतंत्र) सेनाध्यक्ष परेश बरुवा से अपील की है कि वे हथियार छोड़कर वार्ता की मेज पर आवें। उन्होंने कहा कि हत्या और अपहरण से किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है।
साथ ही उन्होंने सभी उग्रवादी संगठनों से अपील की कि वे मुख्यधारा में लौटकर देश के विकास में भागीदार बने। राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के मुद्दे पर मुख्यमंत्री डॉ शर्मा ने कहा कि सरकार सीमावर्ती जिलों के 20 फ़ीसदी तथा अन्य जिलों के 10 फ़ीसदी लोगों के नामों का पुनरीक्षण करना चाहती है। उन्होंने कहा कि एनआरसी में व्याप्त त्रुटियों को दूर करने की चर्चा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा लव जिहाद के विरुद्ध कानून लाने की घोषणा के अनुरूप इसके खिलाफ एक सख्त कानून लाया जाएगा, ताकि इसे रोका जा सके। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने चुनाव के मौके पर जनता से जो भी वादे किए एक-एक वादे पूरे किए जाएंगे। जनता ने उनसे जो भी उम्मीद है उस पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे। पत्रकार सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री डॉ शर्मा ने पत्रकारों के कई सवालों के सीधे-सीधे उत्तर दिए।