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दुमदुमा प्रेरणा भारती 4 अक्टूबर :– असम सरकार जहां स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विकास का ढोल पीट रहा है।वहीं ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की तस्वीर कुछ और ही बयां कर ही है। कई संगठनों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण इलाकों में बड़े-बड़े पक्के मकान बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए हैं ।लेकिन ऊंची दुकान फीकी पकवान की तरह अस्पताल में नियमित रूप से न तो डॉक्टर हैं, न दवा और न ही प्राथमिक उपचार की कोई सुविधा। बरडुमसा पेंगरी अंचल की आम जनता में प्राथमिक चिकित्सा के लिए हाहाकार मचा हुआ है । विगत कांग्रेस सरकार के दिनों में असम अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र बरडुमसा कठालगुड़ी के वृहत्तर बुढीदिहींग मौजा के गांव अंचलों में जनता की सुविधा के लिए करोड़ों रुपए की लागत से एक आदर्श चिकित्सालय की स्थापना की गई थी । किन्तु पर्याप्त चिकित्सक , नर्स तथा दवाईयां नियमित रूप से उपलब्ध न होने के कारण आज भी अंचल की जनता के स्वास्थ्य के प्रति खिलवाड़ किए जाने का आरोप उठ रहा है ।छात्र मुक्ति संग्राम , महिला मुक्ति संग्राम समिति बरडुमसा पेंगरी आंचलिक समिति के सौजन्य और बरडुमसा पेंगरी के विभिन्न दल संगठनों और आम जनता के सहयोग से आज चिकित्सालय की विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया। उन्होंने सरकार और स्वास्थ्य विभाग को चेतावनी देते हुए एक महीने के अंदर चिकित्सालय में 24 घंटे रोगियों की सेवा सुविधा सहित पर्याप्त दवाइयां अतिशीघ्र बहाल नहीं की गई तो वे चिकित्सालय को कार्यक्षम करने हेतु जोरदार आंदोलन करने पर बाध्य होंगे।