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दुमदुमा प्रेरणा भारती – आज से दुमदुमा को नया नाम सरकारी तौर पर जाना जाएगा। असम के श्रम, चाय जनजाति आदिवासी कल्याण मंत्री तथा तिनसुकिया के विधायक संजय किसान ने दुमदुमा नगर खेल मैदान में दुमदुमा सह-जिला का सार्वजनिक सभा में उद्घाटन किया। चाय नगरी के रूप से विख्यात दुमदुमा के चाय उत्पादन को ब्रिटिश द्वारा विश्व दरबार में चाय को असम की पहचान बनाने में अपनी भागीदारी दिखाई थी। ब्रिटिश द्वारा चाय को अन्य स्थानों पर यातायात सुविधा के लिए डिब्रू सैखोवा रेल लाइन की स्थापना 1887 में स्थापित कर लोगों कि सुगम यात्रा का लाभ पहुंचाने का काम किया । हालांकि विगत दो ढाई दशक से सरकारी उपेक्षा एवं मंदी बाजार के दंश से चाय उत्पादन के उद्योग में संकट छाया हुआ है। बहरहाल जिला स्थापना से आस पास के क्षेत्रों और अधिक विकास कार्य होंगे। लोगो को अब अपने ही शहर में विभागीय काम निपटा लेने में सुविधा प्रदान होगी। असम के 82 न. दुमदुमा विधानसभा के लोगों में खुशी का माहौल देखने को मिला क्यो कि दुमदुमा अब सह- जिला के नाम से जाना जाएगा। अस्थाई कार्यलय लोकनिर्माण बंगला में शुरू कि गई है।असम में पहले चरण में कुल विधानसभा में 39 सह-जिला का गठन किया गया है। इस अवसर पर सभा में लखीमपुर सांसद प्रदान बरुआ दुमदुमा विधायक रुपेश ग्वाला तिनसुकिया जिला आयुक्त स्वप्निल पाल दुमदुमा सह-जिला आयुक्त नुसरत नसरीन दुमदुमा पौर सभा अध्यक्षा कांता भट्टाचार्य दुमदुमा राज्स्व अधिकारी नव ज्योति सहरिया लखीमपुर सांसद प्रतिनिधि मुनेन्द्र मोरान सहित जिला प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी एवं पौर सभा के कर्मचारी अधिकारी ब्लॉक अधिकारी एवं अंचल के वरिष्ठ लोग उपस्थित हो कर ऐतिहासिक दिन के साक्षी बने। कार्यक्रम कि समापन राष्ट्रीय गान के साथ हुई। अन्त में नगर खेल मैदान में दुमदुमा शहर को सह जिला बनने के स्मृति पर मंत्री संजय किसान, सांसद प्रदान बरूआ, विधायक रुपेश ग्वाला ने वृक्षारोपण किया।