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प्रेरणा प्रतिवेदन कोलकाता 5 अक्टूबर: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155वीं जयंती के अवसर पर बंगीय भाषा सेतु के तत्वावधान में हिन्दी और बांग्ला भाषाओं के समागम से सुसज्जित काव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह आयोजन चुंचुड़ा नगर पालिका के ए.सी. सभागार में संपन्न हुआ। इस अवसर पर गीत, संगीत और नृत्य के कार्यक्रमों ने श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया और सांस्कृतिक विविधता का अद्भुत प्रदर्शन हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता शब्दाक्षर के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सुप्रसिद्ध कवि रवि प्रताप सिंह ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद के संयोजक रंजीत प्रसाद ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। विशिष्ट अतिथियों में अनामिका सिंह, हुगली जिला परिषद के मत्स्य एवं प्राणी संपदा विभाग के कर्माध्यक्ष निर्माल्य चक्रवर्ती और चुंचुड़ा नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन गौरीकांत मुखर्जी शामिल थे। कार्यक्रम का आयोजन बंगीय भाषा सेतु के संस्थापक मुरली चौधरी ने किया.
कवित्री डॉक्टर उर्वशी श्रीवास्तव और रंजना भट्टाचार्य ने अपने सहज संचालन से कार्यक्रम को सुचारू रूप से आगे बढ़ाया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण श्रेष्ठा बनर्जी के नृत्य और सायना पोद्दार के गिटार वादन से उत्पन्न संगीत का अद्वितीय संगम रहा, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
संगीत और कविता का अद्भुत संगम
बांग्ला गीतों के साथ कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ, जिसे मृदुला चट्टोपाध्याय और संदीप चट्टोपाध्याय ने नेतृत्व प्रदान किया। उनके साथ विदिशा राय, रंजना भट्टाचार्य, इन्द्राणी दे, मौसमी चटर्जी, शिल्पी चटर्जी, रोमी राय और कन्हाई लाल राय चौधरी ने अपने गायन से कार्यक्रम में चार चांद लगाए।
काव्य पाठ की प्रस्तुति में प्रमुख कवियों ने अपने विविध भावों को श्रोताओं के सामने प्रस्तुत किया। इनमें विमल चंद्रपाल, शिवनाथ मंडल, ईशा गुप्ता, रंजीत प्रमाणिक, सुशील कुमार शर्मा, राधा गोविंद पाल, कार्तिक बांसफोर, डॉ. रामेश्वर साव, सरस्वती अधिकारी, अर्जुन सिंह अर्जुन, अवधेश मिश्रा, उत्तम कुमार गांगुली, जगदीश पाल आदि ने अपनी कविताओं से श्रोताओं का दिल जीत लिया।