चंडीगढ़। हरियाणा के चुनाव में इस बार भाजपा व कांग्रेस दोनों को लगभग बराबर मत मिले हैं। इन दोनों दलों को मिले मतों में ज्यादा अंतर नहीं है। भाजपा को 48 सीटों के साथ 39.94 प्रतिशत मत मिले हैं, जबकि कांग्रेस को 37 सीटों के साथ 39.09 प्रतिशत मत मिले हैं।
भाजपा को कांग्रेस से मात्र 0.85 प्रतिशत अधिक मत मिले हैं, जिनसे भाजपा व कांग्रेस की सीटों में 11 सीटों का अंतर आ गया। प्रदेश में 0.85 मतों की अधिकता ने भाजपा को तीसरी बार सत्ता तक पहुंचा दिया और इन्हीं मतों की कमी की वजह से कांग्रेस सत्ता से दूर हो गई।
बीजेपी को मिले 55 लाख 48 हजार 800 वोट
हरियाणा की 90 सदस्यीय 15वीं विधानसभा में इस बार भाजपा को 55 लाख 48 हजार 800 वोट पड़े हैं, जो कि 39.94 प्रतिशत हैं। इसी तरह, कांग्रेस ने 54 लाख 30 हजार 602 यानी 39.09 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं।
निर्दलीयों ने 16 लाख 17 हजार 249 यानी 11.64 प्रतिशत वोट हासिल कर तीन सीटों पर चुनाव जीता है, जबकि इनेलो ने पांच लाख 75 हजार 192 यानी 4.14 प्रतिशत वोट शेयर लेकर दो सीटों पर जीत हासिल की है।
आम आदमी पार्टी हरियाणा में किसी सीट पर खाता नहीं खोल पाई, लेकिन उसने दो लाख 48 हजार 455 यानी 1.79 प्रतिशत वोट प्राप्त किए हैं। भाजपा के साथ साढ़े चार साल तक सरकार में रह चुकी दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी ने एक लाख 25 हजार 22 यानी 0.90 प्रतिशत वोट हासिल किए।
इस चुनाव में सबसे अधिक खराब प्रदर्शन जजपा और आम आदमी पार्टी का रहा है। भाजपा व कांग्रेस के मतों में एक लाख 18 हजार 198 वोट का अंतर रहा है, जिसकी बदौलत कांग्रेस की भाजपा से 11 सीटें कम आई हैं।
इसी साल मई में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पांच सीटें जीती थी और उसका मत प्रतिशत 48 था, जो कि इस बार के विधानसभा चुनाव में घटकर 39.94 रह गया है। इसी तरह, कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में पांच सीटों के साथ 44 प्रतिशत मत मिले थे, लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का मत प्रतिशत घटकर 39.09 प्रतिशत रह गया है।
इनेलो और जजपा को दी फीसदी वोट
इनेलो को तीन और जजपा को दो प्रतिशत मतों में ही संतोष करना पड़ा था। ल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार 2024 में भाजपा के मत प्रतिशत में करीब ढ़ाई प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। उस समय भाजपा को 40 विधायकों के साथ 36.49 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि इस बार 48 विधायकों यानी आठ विधायकों की बढ़ोतरी के साथ 39.94 प्रतिशत मत मिले हैं, जो कि बहुत ज्यादा नहीं हैं।
इसी तरह, साल 2019 में कांहग्रेस को 31 विधायकों के साथ 28.08 प्रतिशत वोट मिले थे। स बार छह विधायकों की बढ़ोतरी के साथ 37 विधायकों पर कांग्रेस को 39.9 प्रतिशत वोट मिले हैं। पिछले चुनाव की अपेक्षा कांग्रेस के वोट शेयर में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।