सीवान: बिहार के सारण और सीवान में जहरीली शराब पीने से 12 गांवों के 27 लोगों की मौत हो गई है, जबकि करीब 50 लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में एडमिट कराया गया है. मामले में दो आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया गया है, जबकि मशरक थानाध्यक्ष समेत पांच पुलिस अधिकारी सस्पेंड किए गए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा कि पीड़ितों ने स्थानीय रूप से बनाई गई शराब पी थी, जिसमें कथित तौर पर हानिकारक कैमिकल्स थे.
घटना को लेकर सारण के डीएम अमन समीर ने कहा कि मृतकों की शिनाख्त की कोशिश जारी है. डीएम समीर ने बताया कि शराब की तस्करी के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. संदिग्ध शराब मौतों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, शराब सीवान के मगहर कौड़िया गांव से आई थी. सीवान और सारण (छपरा) की सीमा पर स्थित इब्राहिमपुर गांव मगहर कौड़िया से 5 किमी दूर है.
सीवान और सारण के 12 अलग-अलग गांवों के 27 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हुई है. 49 लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में एडमिट कराया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, जिन्हें अस्पतालों में एडमिट कराया गया है, उनमें से 5 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है, जिन्हें पीएमसीएच रेफर किया गया है. इसके अलावा, सारण के भी दो लोगों की आंखों की रोशनी गई है. जानकारी के मुताबिक, जहरीली शराब पीने से मरने वालों में 23 सीवान जिले के, जबकि 4 सारण जिले के रहने वाले थे. फिलहाल, सीवान सदर अस्पताल में 37, जबकि सारण के अस्पताल में 12 पीड़िता का इलाज जारी है. पुलिस के मुताबिक, मृतकों में अधिकतर ने भगवानपुर हाट में लगे मेले में शराब पी थी. अब तक की जांच में सामने आया है कि जहरीली शराब का सप्लायर लकड़ीनबीगंज के डमझो गांव का मिथिलेश राय है. पुलिस के मुताबिक, सीवान में 17 लोगों का पोस्टमार्टम कराया गया है. रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि कुछ लोगों का गुपचुप तरीके से अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है.
सीवान और सारण के 12 गांवों में जहरीली शराब पीने से मौतों का सिलसिला दो दिन पहले यानी मंगलवार रात को शुरू हुआ था. सबसे पहले सीवान के भगवानपुर मेले में दो लोगों की मौत हुई. मामले की जानकारी प्रशासन को दिए बिना घरवालों ने इनका अंतिम संस्कार कर दिया.
मंगलवार शाम से शुरू हुआ मौतों का सिलसिला बुधवार शाम तक जारी रहा. बुधवार शाम तक सीवान के सदर अस्पताल में 17 लोगों का पोस्टमार्टम कराया जा चुका था. हालांकि, सीवान डीएम मुकुल कुमार गुप्ता और एसपी अमितेश कुमार ने घटना को लेकर एक ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मौतों की जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 4 लोगों की मौत हुई है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीएम मुकुल कुमार गुप्ता ने बताया कि जांच पड़ताल जारी है. उन्होंने इस दौरान ये भी बताया कि जहरीली शराब के शिकार आठ लोगों को अस्पताल में एडमिट कराया गया है.
वहीं, सारण के डीएम अमन समीर ने भी कहा कि मौतों की जांच पड़ताल जारी है. उन्होंने मशरक में एक व्यक्ति, जबकि एक अन्य की मौत की जानकारी दी. वहीं, सीवान एसपी की ओर से जानकारी दी गई कि शराबबंदी वाले बिहार में जहरीली शराब पीने से मौत की जानकारी के बाद तत्काल प्रभाव से भगवानपुर हाट थाने के थानाध्यक्ष रामाशंकर साह को लाइन हाजिर किया गया, जबकि कौड़िया के दो चौकीदारों को सस्पेंड कर दिया गया.
सारण के मशरक के रहने वाले राजेंद्र साह ने बताया कि उन्होंने भगवानपुर हाट से शराब खरीदकर पी थी. शराब पीने के बाद आंखों से कम दिखाई देने लगा. वहीं, सारण के ही इब्राहिमपुर के रहने वाले धर्मेंद्र शाह ने बताया कि उन्होंने मंगलवार की शाम छह बजे बाजार से खरीदकर शराब पी थी. शराब पीने के बाद दिखना कम हो गया, जिसके बाद परिजन ने उन्हें सदर अस्पताल में एडमिट कराया. छपरा सदर अस्पताल में एडमिट शमशाद ने अपनी मौत से पहले बताया कि गांव में मछली की पार्टी थी. पार्टी के लिए भगवानपुर हाट से शराब खरीदी और उसे पी लिया था. उन्होंने बताया था कि उनके साथ कई अन्य लोगों ने भी शराब पी थी.
सारण और सीवान शराबकांड से पहले दिसंबर 2022 में भी बड़ा शराबकांड सामने आया था, जिसमें सारण के ही 71 लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों में सबसे अधिक 44 लोग मशरक के रहने वाले थे. मृतकों के अलावा, दर्जनों ऐसे लोग थे, जिनके आंखों की रोशनी चली गई थी.