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पत्रकारों की सुरक्षा के लिए तत्काल कानून लागू करने की मांग 

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समाचार एजेंसी नई दिल्ली, 18 अक्टूबर: संपूर्ण देश में हाल ही में पत्रकारों पर हो रहे हमले, उत्पीड़न और झूठे मुकदमों में फंसाने की घटनाओं के खिलाफ व्यापक असंतोष जाहिर हुआ है। इसी संदर्भ में हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय मीडिया कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। नई दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित इस सम्मेलन में इंडियन फेडरेशन ऑफ स्मॉल न्यूजपेपर्स सहित लगभग 12 मीडिया संगठनों ने एकजुट होकर पत्रकारों के लिए एक अलग सुरक्षा कानून, मीडिया काउंसिल और फास्ट ट्रैक कोर्ट की मांग की, ताकि पत्रकारों के खिलाफ किसी भी आरोप का जल्द से जल्द निपटारा हो सके। इसके साथ ही उन्होंने पत्रकारों के परिवार के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा, चिकित्सा सेवाएं, पेंशन, आवास और यात्रा सुविधाएं सुनिश्चित करने की भी मांग की।
21-22 सितंबर को नई दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के हॉल में आयोजित इस अखिल भारतीय सम्मेलन में देशभर से लगभग 150 से अधिक पत्रकार और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। पूरे देश में पत्रकारों पर बढ़ते राजनीतिक, प्रशासनिक और आपराधिक हस्तक्षेप और हमलों के चलते लोकतंत्र का चौथा स्तंभ खतरे में पड़ रहा है। इस विषय पर देशभर के 25 राज्यों के प्रतिनिधियों ने चिंता व्यक्त की और पत्रकारिता से जुड़े लोगों के लिए कानूनी सुरक्षा की मांग की। सम्मेलन में यह प्रस्ताव रखा गया कि पत्रकार सुरक्षा कानून, मीडिया काउंसिल, और पत्रकारिता के पेशे में लगे लोगों को हर प्रकार की सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक संगठित आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।
इंडियन फेडरेशन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स के संस्थापक पुष्पा पांडेया के नेतृत्व में देशभर से आए पत्रकारों ने भी प्रेस की स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की। राष्ट्रीय मुख्य समन्वयक डॉ. पवित्र मोहन सामंत राय, समन्वयक शिबू खान, और अन्य वरिष्ठ पत्रकारों जैसे अरुण गोयल, कमल झुनझुनवाला, मनजू सुराणा, और वाई के नारायणपुरकर ने भी इस मुद्दे पर अपने विचार रखे।
सम्मेलन के दौरान पश्चिम बंगाल से सांसद जगन्नाथ सरकार, ओडिशा से प्रदीप पुरोहित, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मैथुन नेदुमपुरा, पत्रकार विवेक शुक्ला, अर्थशास्त्री और लेखक प्रोफेसर बीके साहू सहित कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भाग लिया। हालांकि पूर्व न्यायाधीश और सांसद अभिजीत गांगुली व्यस्तता के कारण इस सम्मेलन में शामिल नहीं हो पाए। सम्मेलन के अंत में, डॉ. पवित्र मोहन सामंत राय ने घोषणा की कि देशभर में फैले ग्रामीण स्तर के पत्रकारों के लिए एक पंजीकरण सूची तैयार की जाएगी और उनकी सुरक्षा के लिए मीडिया काउंसिल और पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को सरकार के सामने रखा जाएगा।
मीडिया कॉन्फ्रेंस के आखिरी दिन, मनजू सुराणा और शिबू खान के नेतृत्व में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया से शास्त्री भवन तक एक कैंडल मार्च आयोजित किया गया, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए 150 से अधिक पत्रकारों ने भाग लिया। इस मार्च के जरिए कोरोना महामारी के बाद दिवंगत हुए पत्रकारों को श्रद्धांजलि दी गई और पत्रकार सुरक्षा कानून, मीडिया काउंसिल के गठन और डिजिटल मीडिया के लिए शीघ्र कानून लागू करने की मांग उठाई गई।

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