नई दिल्ली. भारत में हवाई उड़ानों को लेकर बम की झूठी धमकियों ने यात्रियों और सुरक्षा एजेंसियों को मुश्किल में डाल दिया है. अलग-अलग विमानों को निशाना बनाकर दी गई इन धमकियों की वजह से उड़ानों को या तो स्थगित करना पड़ा या वैकल्पिक हवाईअड्डों की ओर डायवर्ट करना पड़ा. इन सभी धमकियों की जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि वे अफवाह थीं, लेकिन इस बार एहतियाती कदम उठाना अनिवार्य हो गया.
शुक्रवार को दिल्ली से लंदन जाने वाली विस्तारा एयरलाइंस की उड़ान UK17 को एक बार फिर सुरक्षा कारणों से बीच रास्ते में रोकना पड़ा. एयरलाइन के प्रवक्ता के अनुसार, उड़ान को सोशल मीडिया पर मिली एक सुरक्षा धमकी के बाद फ्रैंकफर्ट की ओर मोड़ दिया गया. प्रवक्ता ने बताया कि विमान ने सुरक्षित रूप से फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर लैंड किया, जहां अनिवार्य जांच की जा रही है. सुरक्षा एजेंसियों से हरी झंडी मिलने के बाद ही फ्लाइट अपनी यात्रा आगे जारी रखेगी.
एक और घटना में, अकासा एयर की फ्लाइट QP1366, जो बेंगलुरु से मुंबई के लिए उड़ान भरने वाली थी, को भी उड़ान से ठीक पहले सुरक्षा चेतावनी मिली. इस चेतावनी के कारण सभी यात्रियों को विमान से उतारना पड़ा. एयरलाइन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर यात्रियों से सहयोग की अपील की और बताया कि स्थानीय अधिकारियों ने निर्धारित सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत कार्रवाई की.
पिछले कुछ दिनों में भारतीय एयरलाइनों की लगभग 40 उड़ानों को बम की धमकी मिली, लेकिन सभी धमकियां झूठी पाई गईं. इन फर्जी अलर्ट्स ने न केवल यात्रियों में चिंता बढ़ाई है, बल्कि एयरलाइनों और सुरक्षा एजेंसियों पर अतिरिक्त दबाव भी डाला है.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय अब इस समस्या पर काबू पाने के लिए कड़े कदम उठाने की तैयारी कर रहा है. मंत्रालय ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नए मानदंड बना रहा है, जिसमें दोषियों को नो-फ्लाई सूची में डालने जैसे कठोर उपाय शामिल होंगे. इस तरह की घटनाओं से हवाई यात्रा में रुकावटें आती हैं और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समय और संसाधनों की बर्बादी होती है. सरकार की नई योजनाएं इन झूठी धमकियों पर लगाम लगाने और हवाई सफर को अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होंगी.