पटना. बिहार के सीवान में हुई शराब त्रासदी में मृतकों की संख्या अब 28 हो गई है, जबकि राज्य में कुल 35 लोगों की जान जा चुकी है. इसमें से 28 लोग सीवान के और 5 लोग सारण जिले के रहने वाले हैं. घटना के बाद 79 लोगों को सीवान सदर अस्पताल और बसंतपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. इनमें से गंभीर रूप से बीमार 13 लोगों को पटना में इलाज के लिए भेजा गया है. 17 अक्टूबर को मौतों का ये आंकड़ा 25 था. आज 10 और बढ़ गया. कुछ पीड़ितों की आंखों की रोशनी खोने की खबरें भी आईं.
सीवान के जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार 30 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है. इसके अलावा 28 मृतकों का पोस्टमार्टम कर उनके शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं. जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 5 वरिष्ठ डॉक्टरों का एक मेडिकल बोर्ड गठित किया है और सिवान सदर अस्पताल में 30 बेड, बसंतपुर में 20 बेड तथा अनुमंडल अस्पताल महाराजगंज में 30 बेड की व्यवस्था की गई है.
अस्पतालों इलाज के लिए की गई अलग से व्यवस्था
इसके अलावा बसंतपुर और महाराजगंज अनुमंडल अस्पतालों में भी बीमार लोगों के इलाज के लिए 30 बेड रिजर्व किए गए हैं. अस्पतालों को अगले 24 घंटे तक अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है. प्रभावित पंचायतों में जिला अधिकारी द्वारा अतिरिक्त एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है.
विपक्ष ने बिहार में शराबबंदी नीति पर उठाए सवाल
विपक्ष ने बिहार सरकार की शराबबंदी नीति पर सवाल उठाए हैं. राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री की वैचारिक अस्पष्टता और कमजोर इच्छाशक्ति के कारण शराबबंदी आज बिहार में प्रभावहीन हो गई है.
डिप्टी सीएम ने सख्त कार्रवाई का दिया आश्वासन
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा, सरकार इस मामले की जांच कर रही है और इसके पीछे के लोगों का पर्दाफाश किया जाएगा. शराब का धंधा करने वाले लोग आरजेडी से जुड़े हुए हैं. शराबबंदी सभी की सहमति से लागू की गई है, और इसे सफल बनाने में सभी को सहयोग करना चाहिए.