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विशाल का ‘हे प्रभु, हे हरिराम जगन्नाथ प्रेमानंदे’ डायलॉग पहूंचा बॉलीवुड
शिवकुमार शिलचर ,19 अक्टूबर: बॉलीवुड फिल्म ‘भूलभुलैया-3’ के टाइटल ट्रैक ‘हरे कृष्ण हरे राम’ में शिलचर के विशाल देवनाथ की वायरल लाइन ‘हे हरिराम जगन्नाथ प्रेमानंदे’ को शामिल किया गया है। टी-सीरीज़ ने यह गाना यूट्यूब पर रिलीज़ किया, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय स्टार्स जैसे ग्रैमी अवॉर्ड विजेता पिटबुल, दिलजीत दोसांझ, और नीरज श्रीधर के साथ विशाल देवनाथ का नाम भी जोड़ा गया है। इस उपलब्धि से विशाल काफी उत्साहित हैं। 2007 में रिलीज़ हुई अक्षय कुमार और विद्या बालन अभिनीत ‘भूलभुलैया’ के सारे गाने सुपरहिट हुए थे, खासकर ‘हरे कृष्ण हरे राम’। अब, इस फिल्म की तीसरी कड़ी ‘भूलभुलैया-3’ का ट्रेलर जारी हुआ है, जिसने बॉलीवुड में नए रिकॉर्ड बनाए हैं। बुधवार को इस फिल्म का टाइटल ट्रैक रिलीज़ हुआ, जिसमें शिलचर के विशाल की लाइन ‘हे हरिराम जगन्नाथ प्रेमानंदे’ ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है। लगभग सभी लोग बार-बार इसी लाइन का जिक्र कर रहे हैं। विशाल ने बताया कि लगभग एक साल पहले टी-सीरीज़ की ओर से उनसे संपर्क किया गया था, और उनकी अनुमति से यह लाइन फिल्म के गाने में इस्तेमाल की गई है। विशाल कहते हैं, “उन्होंने मुझसे अनुमति ली थी और पहले ही बताया था कि गायक कलाकारों की सूची में मेरा नाम शामिल किया जाएगा। बुधवार को जब गाना रिलीज़ हुआ, तो मुझे विशेष धन्यवाद दिया गया। इतने बड़े मंच पर अपना नाम देख कर मैं बहुत खुश हूं। हालांकि, इसका श्रेय सोशल मीडिया को जाता है। मैंने इन लाइनों को बहुत सोच-समझकर नहीं लिखा था, और वीडियो भी बिना किसी खास योजना के बनाया था।
साधारण वीडियो से अंतर्राष्ट्रीय पहचान तक का सफर 2022 में बाढ़ के समय, जब शिलचर शहर बुरी तरह प्रभावित था, विशाल ने सोनाई रोड स्थित अपने घर में दोस्तों के साथ यह वीडियो बनाया था। पहले उन्होंने इस वीडियो को फेसबुक पर अपलोड किया था, लेकिन जल्द ही उनकी लाइनें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। लाखों वीडियो में उनकी लाइनें इस्तेमाल की गईं, लेकिन ज्यादातर लोगों को उनका नाम पता नहीं था। बाद में विशाल ने खुद ही इंस्टाग्राम पर अपना वीडियो फिर से अपलोड किया, जिससे उनकी पहचान सामने आई। विशाल कॉमेडियन बनना चाहते हैं और उनका सपना कपिल शर्मा के साथ मंच साझा करना है।
वायरल होने के दो साल बाद भी विशाल शिलचर में ही रह रहे हैं, जहाँ वे अपने पारिवारिक व्यवसाय में सहयोग करते हुए सोशल मीडिया के लिए वीडियो बनाते हैं।
बराक वैली के शिलचर के सोनाई रोड के निवासी विशाल ने वो कर दिखाया जो शायद किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। एक साधारण दिन में, बाढ़ के पानी के बीच अपने दोस्तों के साथ मस्ती करते हुए विशाल ने टूटी-फूटी हिंदी में एक डायलॉग बोला, “हे प्रभु, हे हरे राम कृष्ण जगन्नाथ, ये क्या हुआ, गला अब्दी पानी आ गया।” शायद उस वक्त उसने भी नहीं सोचा था कि उसकी यह मजाकिया टिप्पणी उसे रातों-रात सोशल मीडिया सेंसेशन बना देगी।
इस डायलॉग ने न केवल इंटरनेट की दुनिया में आग लगा दी, बल्कि बड़े-बड़े फिल्म निर्माता और कलाकार भी इसे अपने फिल्मों में इस्तेमाल करने लगे हैं। विशाल का यह डायलॉग आज मनोरंजन की दुनिया में एक महत्वपूर्ण स्थान बना चुका है, और इसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ हिंदी भाषा को जाता है।
विशाल का उदाहरण सिर्फ सोशल मीडिया की ताकत को ही नहीं दर्शाता, बल्कि हिंदी भाषा की व्यापकता और उसकी अपार संभावनाओं को भी उजागर करता है। हिंदी, जो कभी-कभी कुछ लोगों के लिए मजाक का विषय होती है, वही भाषा आज लोगों को अर्श से फर्श पर पहुंचाने की क्षमता रखती है। यह उन सभी लोगों के लिए एक जोरदार संदेश है, जो हिंदी को कमतर समझते हैं या इसे बोलने में शर्मिंदगी महसूस करते हैं।बराक वैली जैसे क्षेत्र में, जहां अक्सर हिंदी भाषा के प्रति एक प्रकार की हीन भावना देखी जाती है, यह घटना इस सोच को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। ऐसे कई लोग हैं जो हिंदी का नाम सुनते ही अपने हाव-भाव बदल लेते हैं, मानो वे हिंदी से नफरत करते हों। लेकिन विशाल की कहानी यह साबित करती है कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि वह एक पुल है जो सामान्य जीवन से असाधारण प्रसिद्धि तक ले जाती है।विशाल का यह डायलॉग इस बात का प्रतीक बन गया है कि हिंदी भाषा में अपार शक्ति और सामर्थ्य है। यह सिर्फ विचारों का आदान-प्रदान नहीं करती, बल्कि अवसरों का द्वार भी खोलती है। हिंदी ने विशाल को वह पहचान दिलाई, जिसे बड़े-बड़े सितारे भी अपने करियर में प्राप्त करने के लिए संघर्ष करते हैं। बड़े-बड़े कलाकार अब उसकी बातों को अपने फिल्मों में शामिल कर रहे हैं।इस घटना से एक महत्वपूर्ण सीख मिलती है कि हमें किसी भी भाषा का अपमान नहीं करना चाहिए, खासकर हिंदी का। यह भाषा हमारी पहचान, हमारी संस्कृति, और हमारे देश की आत्मा है। हिंदी ने यह बार-बार साबित किया है कि इसकी जड़ें इतनी गहरी हैं कि यह लोगों को असाधारण ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है। इसलिए हमें हिंदी को अपनाना चाहिए, न कि इसे नज़रअंदाज़ करना चाहिए।आज विशाल की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो भाषा की ताकत को नहीं समझते। यह घटना स्पष्ट रूप से दिखाती है कि भाषा का सही इस्तेमाल कैसे आपको सफलता के शिखर तक पहुंचा सकता है, और इसके लिए हिंदी से बेहतर कोई माध्यम नहीं हो सकता।हिंदी के प्रति सम्मान रखें, क्योंकि यही वो भाषा है जो आपको आसमान की बुलंदियों तक पहुंचा सकती है।