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सरकार एवं रेल विभाग कि सौतेले व्यवहार के चलते हो रही कठिनाई।
त्योहारों के मौसम में यात्रियों को परेशानी।
दुमदुमा प्रेरणा भारती 19 अक्टूबर :– असम के प्रवासी लोगों को बलिया , गाजीपुर वाराणसी आदि स्थानों में जाने के लिए एक मात्र सप्ताहिक ट्रेन डिब्रुगढ़ अमृतसर है । जिसमें त्योहारों के मौसम में तीन महीने पहले ही सारी टिकटें बुक हो जाती है , जिस यात्रियों को आर ए सी या वेटिंग टिकट मिलती है । वह कन्फर्म ही नहीं होती है । एक ही ट्रेन होने के कारण यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है ।सरकार कि सतौले व्यवहार का नतीजा।
असम तथा पूरे उत्तर पूर्वांचल में युपी के बलिया , गाजीपुर ,वाराणसी , मउ ,आजमगढ़ तथा इससे सटे जिलों के लोग यहां रहते हैं। तथा इन लोगों को अपने अपने घरों में आना जाना लगा रहता है। मालूम हो कि तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय चन्द्रशेखर कि पहल पर तत्कालीन रेल मंत्री नितेश कुमार ने डिब्रूगढ़ अमृतसर ट्रेन बलिया , गाजीपुर ,वाराणसी मार्ग से इस सप्ताहिक ट्रेन कि शुरुआत कि थी।आज यात्रियों को तिनसुकिया अमृतसर सप्ताहिक ट्रेन में सफर करने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। टिकटों की मारामारी मची रहती है। तीन महीने पहले ही टिकटें बुक हो जाती है। वेटीगं टिकटों का कन्फर्म न होने पर यात्रियों को अपनी यात्रा से वंचित होना पड़ता है या उसी भीड़ भाड़ में यात्रा करने पर मजबुर होना पड़ता हैं । अन्यथा बक्सर , छपरा एवं दिनदयाल स्टेशनो पर अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए ट्रेन पकड़ने या उतरना पड़ता हैं। बलिया ,गाजीपुर ,वाराणसी रुट से राजधानी एक्सप्रेस रोजाना है पर मध्यमवर्गीय परिवार को राजधानी एक्सप्रेस में सफर करना मुमकिन नहीं है।इस समस्या को लेकर कई बार यहां के दल संगठनों ने आवेदन निवेदन करने के बाद भी सरकार या रेल विभाग ने आज तक न तो नई ट्रेन चलाई, और न ही सप्ताहिक डिब्रुगढ़ अमृतसर ट्रेन को रोजाना किया। इस विषय पर यहां के सांसदो को कई बार आवेदन देने पर भी उन्होंने न तो कोई संज्ञान लिया।इस बात को लेकर यहां के प्रवासियो में ख़ासी नाराजगी देखने को मिल रही है। सरकार और रेलवे विभाग के सौतेले व्यवहार से यात्रीगण नाराज हैं और नई ट्रेन चलाने की मांग कर रहे हैं। इस ट्रेन डिब्रुगढ़ अमृतसर ट्रेन में उपरी असम सहित अरुणाचल प्रदेश ,मेघालय , मिजोरम ,मणिपुर , त्रिपुरा ,नागालैण्ड के उत्तर भारत के प्रवासी भारतीय यात्रियों कि संख्या ज्यादा होती है।