नई दिल्ली. ओडिशा के नुआपाड़ा जिले से एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है. यहां 50 वर्षीय व्यक्ति को लोगों ने पकड़कर जिंदा जला दिया. गनीमत ये रही वह किसी तरह स्थानीय तालाब तक पहुंचा और उसकी जान बच सकी. दरअसल, गांव के खाम सिंह माझी पर काला जादू करने का आरोप था. इसी मुद्दे पर उनके समुदाय के लोगों ने एक अनौपचारिक अदालत लगाई.
जहां पंचों ने उन्हें काला जादू करने का दोषी करार दिया. इससे पहले की ये कोर्ट उन्हें कोई सजा देती मौके पर एकत्रित गुस्साए लोगों ने खाम सिंह को पकड़ लिया. बताया जा रहा है कि खाम सिंह को पुआल की रस्सियों से बांध दिया और फिर कुछ उग्र लोगों ने उनमें आग लगा दी.
घर-घर जाकर लगाई मदद की गुहार
आग से बुरी तरह झुलसते हुए खाम सिंह मदद के लिए इधर-उधर भागे, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की. फिर इसके बाद परिजनों की मदद से वह किसी तरह स्थानीय तालाब तक पहुंचे और अपनी जान बचाई. उन्हें बुरी तरह झुलसी हुई हालत में पास के सिनापल्ली सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. गंभीर हालत होने के चलते जहां से उन्हें जिला मुख्यालय अस्पताल में रेफर किया गया है.
गवाह नहीं आ रहे सामने
पुलिस के अनुसार ये घटना शुक्रवार देर शाम पोर्टिपाड़ा गांव की है. लोकल समुदाय की कोर्ट लगने की वजह से लोग इसमें गवाही देने से बच रहे हैं. माझी के बेटे हेमलाल ने दावा किया है कि ग्रामीणों ने एक बैठक बुलाई थी और उनके पिता को काला जादू करने के लिए गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी. जब उन्होंने आरोपों से इनकार किया, तो उन्होंने पहले उनकी पिटाई की और फिर उन्हें आग लगा दी.
आरोपी गांव से हुए फरार
खरियार के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) अरूप बेहरा ने कहा कि सिनापल्ली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है, जिनमें से कई गांव छोड़कर भाग गए हैं. बेहरा ने कहा कि आरोप के मुताबिक उन्हें जिंदा जलाने की कोशिश की गई थी. जांच अभी शुरुआती चरण में है. पूरी जांच के बाद ही हम हमले के कारण का पता लगा पाएंगे.