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शिव कुमार, शिलचर 22 अक्टूबर: असम के धोलाई विधानसभा क्षेत्र 2024 के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने युवा नेता निहार रंजन दास को उम्मीदवार बनाया है। यह उपचुनाव राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि भाजपा ने निहार रंजन दास जैसे एक योग्य और समाजसेवी नेता को मैदान में उतारा है। निहार रंजन दास, जिन्होंने अपने जीवन को समाजसेवा, कानून और राजनीति के प्रति समर्पित किया है, अब धोलाई विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की उम्मीदों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार हैं। निहार रंजन दास का नाम शिलचर और कछार जिलों में सम्मान और पहचान के साथ लिया जाता है। वे शिलचर के एससी विकास बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं और पिछले कई वर्षों से सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ते आ रहे हैं। उनकी शिक्षा और पेशेवर पृष्ठभूमि भी बेहद प्रभावशाली है। उन्होंने एमबीए, एलएलबी और पीजीडीएचआरएम जैसी उच्च डिग्रियाँ प्राप्त की हैं, जो उनके नेतृत्व और प्रबंधन क्षमताओं का परिचायक है। वे 2006 से जिला न्यायालय, शिलचर में अधिवक्ता के रूप में कार्यरत हैं, और विभिन्न सरकारी व गैर-सरकारी संगठनों में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभा चुके हैं। निहार रंजन दास की सामाजिक सेवा में भी गहरी भागीदारी रही है। चाय बागान और दलित समुदायों के विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग देने का उनका अभियान पिछले 10 वर्षों में 250 से अधिक विद्यार्थियों को जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश दिलाने में सफल रहा है। इसके अलावा, उन्होंने 2003 में शिलकुड़ी लक्ष्मी नारायण हाई स्कूल की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो चाय बागान और दलित समुदाय के बच्चों के लिए शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है। निहार रंजन दास का भाजपा के साथ जुड़ाव लगभग दो दशकों का है। वर्ष 2000 में भाजपा में शामिल होने के बाद से, उन्होंने पार्टी में कई महत्वपूर्ण संगठनात्मक जिम्मेदारियाँ निभाई हैं। वे 2019 से भाजपा असम प्रदेश के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं और 2017-2019 के बीच भाजपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य भी रह चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने कछार जिले के एससी मोर्चा के अध्यक्ष, भाजपा जिला सचिव और कोषाध्यक्ष जैसी जिम्मेदारियों को भी सफलतापूर्वक निभाया है। निहार रंजन दास असम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सक्रिय स्वयंसेवक हैं। वे लोक जागरण मंच के समन्वयक और अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के प्रचार सचिव भी रह चुके हैं। उन्होंने चाय बागान मजदूरों और दलित समुदाय के बीच शिक्षा और जागरूकता बढ़ाने के लिए कई आंदोलन और जागरूकता अभियानों में भाग लिया है। उनके नेतृत्व में स्वजन एनजीओ ने शिलचर के स्लम क्षेत्रों में महिलाओं और बच्चों के शैक्षिक विकास के लिए उल्लेखनीय कार्य किए हैं। धोलाई विधानसभा क्षेत्र का यह उपचुनाव असम की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। यह क्षेत्र चाय बागान मजदूरों, दलित और पिछड़े समुदायों का गढ़ माना जाता है, और निहार रंजन दास की छवि एक ऐसे नेता की है, जिन्होंने इन समुदायों के उत्थान के लिए कई वर्षों तक मेहनत की है। भाजपा ने निहार रंजन दास को उम्मीदवार बनाकर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह धोलाई क्षेत्र में अपने विकास और समाजसेवा के एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहती है। निहार रंजन दास की सामाजिक सेवा, शिक्षा के क्षेत्र में योगदान और गरीब तबकों के लिए किए गए कार्य उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाते हैं। निहार रंजन दास ने कई बार क्षेत्र में डी-वोटर और एनआरसी जैसी ज्वलंत समस्याओं पर सेमिनार आयोजित किए और लोगों को जागरूक करने का काम किया है। इसके साथ ही, उन्होंने डी-वोटर के मामलों में गरीब लोगों को मुफ्त कानूनी सेवाएँ भी प्रदान की हैं। भाजपा को विश्वास है कि उनके नेतृत्व में पार्टी को धोलाई विधानसभा क्षेत्र में बड़ा फायदा हो सकता है, क्योंकि निहार रंजन दास की छवि एक जमीनी नेता की है, जिनका लोगों से सीधा जुड़ाव है।
धोलाई विधानसभा क्षेत्र में निहार रंजन दास की उम्मीदवारी से भाजपा ने अपने चुनावी अभियान को बेहद सशक्त बना दिया है। उनके अनुभव और नेतृत्व से पार्टी को इस क्षेत्र में बढ़त मिलने की उम्मीद है। भाजपा के लिए यह उपचुनाव सिर्फ एक सीट भर का चुनाव नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संदेश है, जो प्रदेश भर में भाजपा की पकड़ को और मजबूत करेगा। इस चुनाव में निहार रंजन दास का मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार से जरूर होगा, लेकिन उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्य और पार्टी के भीतर उनकी गहरी पकड़ विपक्षी के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करेगी। धोलाई के मतदाताओं के बीच उनकी लोकप्रियता और जमीनी काम उनकी सबसे बड़ी ताकत है। भाजपा कार्यकर्ता भी उन्हें पूरा समर्थन दे रहे हैं और क्षेत्र में व्यापक स्तर पर प्रचार अभियान चला रहे हैं।
निहार रंजन दास की उम्मीदवारी के साथ, धोलाई विधानसभा क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास की कई नई संभावनाएँ भी उभरकर सामने आई हैं। उनकी प्रतिबद्धता विशेष रूप से शिक्षा और समाज के पिछड़े वर्गों के उत्थान के प्रति है। निहार रंजन दास का चुनाव जीतना न केवल धोलाई क्षेत्र के लिए विकास की दिशा में एक बड़ा कदम होगा, बल्कि असम की समग्र राजनीति में भी यह एक सकारात्मक संदेश भेजेगा। भाजपा उनके नेतृत्व में इस क्षेत्र में शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए तैयार है। निहार रंजन दास की राजनीतिक और सामाजिक पृष्ठभूमि, उनके समर्पण और सेवा भाव के साथ मिलकर उन्हें धोलाई विधानसभा क्षेत्र में एक मजबूत और लोकप्रिय उम्मीदवार बनाती है। भाजपा की उम्मीदें उनसे जुड़ी हुई हैं, और यह उपचुनाव असम की राजनीति में एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हो सकता है। अब देखना यह है कि निहार रंजन दास इस चुनाव में अपनी सेवाओं और समर्पण से जनता का विश्वास जीतने में सफल होते हैं और भाजपा को इस सीट पर कितने मतों से ऐतिहासिक जीत दिलाते हैं।