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पिछले 17 महीने से काछाड़ जिले के अतिरिक्त जिलाधिकारी का दायित्व निभा रहे, सुमित सतावनजी का स्थानांतरण लखीमपुर जिलाधिकारी के रूप में हो गया। कोविड महामारी के चलते आज एक संक्षिप्त समारोह में उन्हें विदाई दी गई। उनका पूरा कार्यकाल चुनौतियों से भरा रहा। कोविड महामारी हो या विधानसभा चुनाव हो या नगरपालिका का दायित्व सब कुछ उन्होंने अत्यंत दक्षता पूर्वक अपने दायित्व का निर्वहन किया। कर्मठ, कर्तव्य परायण, अपने दायित्वों के प्रति निष्ठावान, आम जनता के लिए सुलभ व्यक्तित्व है उनका।
आज उनसे हमारे संपादक श्रीमती सीमा कुमार और विशेष प्रतिनिधि दिलीप कुमार ने एक भेंट वार्ता की। बहुत कम समय में शिलचर में लोकप्रिय हो गए सुमित जी से पूछे जाने पर की शिलचर में कैसा लगा? उन्होंने कहा कि पहले बरपेटा और मार्गेरिटा में काम किया, उसके बाद शिलचर आए। अच्छा लगा, एक अलग सा अनुभव हुआ। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी को अपने काम करते रहना चाहिए, जनता के सामने जनप्रतिनिधि का ही चेहरा आना चाहिए।
कोविड महामारी के बारे में एक सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आरटीपीसीआर परीक्षण में पॉजिटिव आने की संभावना ज्यादा होती है, क्योंकि चुने हुए लोगों का ही आरटीपीसीआर किया जाता है। एयरपोर्ट वाले में पाज़िटिव कम पाए जाते हैं। जबकि अन्य पाज़िटिव पाए गए मरीज के संपर्क में आए लोगों का टेस्ट किया जाता है, उसमें पॉजिटिव आने की संभावना ज्यादा रहती है। करोना संक्रमित मरीज अगर समय पर चिकित्सा कराएं तो डेथ रेट कम हो सकती हैं। अभी 50 वर्ष से ऊपर वालों के लिए नया एसओपी जारी किया गया है।
सुमित जी राजस्थान के सवाई माधोपुर के रहने वाले है, उनकी शिक्षा दीक्षा जोधपुर से हुई है। उन्होंने कानपुर से आइआइटी करने के बाद आइएएस क लिए परीक्षा दी थी और असम कैडर के लिए चुने गए थे।