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गुवाहाटी,, 18 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-स्वाधीन (उल्फा-स्व) के स्वयंभू सेनाध्यक्ष परेश बरुवा से अपील की है कि वे असम सरकार के पास बातचीत से संबंधित औपचारिक प्रस्ताव भेजें। उन्होंने कहा कि उल्फा द्वारा कोविड-19 को लेकर राज्य में उत्पन्न विकट परिस्थिति के मद्देनजर तीन महीने के लिए एकतरफा युद्ध विराम की जो घोषणा की गई है, वह स्वागत योग्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की जो सीमाएं हैं उसी के दायरे में यदि उल्फा द्वारा बातचीत का प्रस्ताव भेजा जाए तभी जाकर असम का भला हो सकता है। उन्होंने परेश बरुवा समेत उल्फा के सभी गुटों से अपील की कि वे हथियार को छोड़कर वापस आएं और असम के निर्माण में अपना योगदान दें। ये बातें उन्होंने मंगलवार को जोरहाट जिलेेा के तिताबर के अपहृत ओएनजीसी कर्मचारी रितुल सैकिया के परिजनों से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहीं।
उन्होंने बताया कि उल्फा द्वारा अपहृत रितुल सैकिया भारत म्यांमार की सीमा पर उल्फा के कब्जे में सुरक्षित है। मुख्यमंत्री ने अपहृत रितुल के माता-पिता एवं उनकी पत्नी को आश्वस्त करवाया की रितुल को रिहा करवाने की दिशा में सरकार पूरी तरह गंभीर है। इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ सांसद कामाख्या प्रसाद तासा, तपन कुमार गोगोई तथा पल्लव लोचन दास, स्थानीय विधायक भास्कर ज्योति बरुवा तथा कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद थे।