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नेताओं के बिगड़े बोल पर निशाने पर ही क्यों होती है महिलाये ?– अशोक भाटिया

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एक ओर तो महिलाओं को राजनीति में आगे बढ़ाने और अधिक से अधिक मौका देने की बात राजनीतिक दलों के बड़े-बड़े नेताओं की ओर से की जाती है और दूसरी ओर ऐसे बयान भी सामने आते हैं जिससे नेताओं के बोलों से आम जनता को शर्म आने लगाती है .  क्योकि  नेताओं के विवादित और फूहड़ बोल हमेशा सुर्खियां बटोरते हैं पर बाद में उन्हें शर्मिदगी भी  उठानी पड़ती है और कुछ को कानून का सामना भी करना पड़ता है । आमतौर पर इन नेताओं के निशाने पर महिलाएं होती हैं, फिर चाहे वह महिला राजनीति से जुड़ी हो या नहीं। उनके लिए महिलाएं आसान निशाना होती हैं, क्योंकि इनके रंग, रूप, कद-काठी, मोटापे या बालों को लेकर वे बड़ी आसानी से कुछ भी बोलकर निकल जाते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव  शायद 2024 का देश में वर्ष का आखरी चुनाव हो  लेकिन हर साल की तरह इस साल भी महिलाओं के खिलाफ फूहड़ बयान सुनने को मिलते रहे, जिससे यह तो स्पष्ट हो गया कि आखिर राजनेताओं का एक बड़ा समूह महिला आरक्षण विधेयक का विरोधी क्यों रहा था ।

हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट में शामिल होने के बाद शिव सेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने शाइना एनसी को आयातित माल कहकर विवाद खड़ा कर दिया। उद्धव गुट के नेता अरविंद सावंत ने कहा था कि वह (शाइना एनसी) अब तक भाजपा  के साथ थीं। जब उन्हें वहां (टिकट) नहीं मिला तो वह दूसरी पार्टी में चली गईं। आयातित सामान यहां स्वीकार नहीं किया जाता है। यहां मूल सामान स्वीकार किया जाता है। सावंत ने मीडिया से कहा कि हमारा सामान असली है।अब उन्हें कानून का सामना करना पड़ रहा है ।

सांसद अरविंद सावंत पहले नेता नहीं है जिन्होंने महिलाओं पर भद्दी टिपण्णी करदी हो भारतीय राजनीति में छोटे-बड़े ऐसे कई नेता हुए हैं या हैं  जिनकी जुबान का निशाना महिलाएं बनी हैं और फिर बवाल मचता रहता  है। आपको  ऐसे ही अब तक कुछ दूसरे  नेताओं की जुबान से निकले महिलाओं पर नेताओं के बिगड़े   कुछ बोल वचन के बारे में बताते है ।ये बोल किसी एक पार्टी के नेता के नहीं है लगभग सभी पार्टियों के नेताओं की जबान महिलाओं के मामले में फिसलती रहती है ।

साल 2010 की बात है जब महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में पारित होने के लिए पेश किया गया तो मुलायम सिंह ने कहा कि महिला आरक्षण बिल का मौजूदा स्वरूप नौजवानों को संसद में सीटी बजाने के लिए उकसाएगा। साल 2014 में उनके दिए एक बयान की काफी आलोचना हुई। बदायूं में दो बहनों के साथ गैंगरेप मामले पर मुरादाबाद में उन्होंने कहा कि लड़कियां पहले दोस्ती करती हैं इसके बाद लड़का-लड़की के बीच जब मतभेद हो जाता है तो इसे रेप का नाम दे देती हैं। लड़कों से गलती हो जाती है। वहीं इसी लोकसभा चुनाव में बीजेपी नेता दिलीप घोष ने कहा था कि दीदी गोवा जाती हैं और कहती हैं, ‘मैं गोवा की बेटी हूं’, फिर त्रिपुरा जाती हैं और कहती हैं, ‘मैं त्रिपुरा की बेटी हूं। तय करें कि आपका पिता कौन है। सिर्फ किसी की बेटी बनना अच्छा नहीं है।

साल 2012 की बात है तब कांग्रेस में रहे संजय निरुपम ने बीजेपी नेता स्मृति ईरानी पर टीवी डिबेट के दौरान निजी हमले करने शुरू कर दिए। उन्होंने कहा, ‘स्मृति आप मुझे मेरा अतीत याद दिला रही हैं, लेकिन आप क्या थीं? आप तो पैसों के लिए टीवी पर ठुमके लगाती थीं और आज राजनीतिक विश्लेषक बन गईं। यह बात भी साल 2012 की है जब तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे और कांग्रेस सांसद अभिजीत मुखर्जी ने एक ऐसा बयान दिया जिस पर हंगामा मच गया। निर्भया गैंगरेप के बाद पूरा देश गुस्से से उबल रहा था और अभिजीत यह कह बैठे की ये तो फैशनेबल रंगी पुती महिलाओं को प्रदर्शन है। हंगामा बढ़ा तो उन्होंने माफी मांग ली थी ।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी महिलाओं पर कई बार विवादित बयान दिए है । एक पार्टी कार्यक्रम में उन्होंने जयंती नटराजन को ‘टंच माल’  कह दिया था। दिग्गी ने एक बार राखी सावंत पर टिप्पणी करते हुए कहा था अरविंद केजरीवाल और राखी सावंत जितना एक्सपोज करने  का वादा करते हैं उतना करते नहीं हैं। उनके इस बयान पर राखी ने  उन्हें ‘सठिया गए हैं’ कहकर झिड़का था।

शरद यादव महिलाओं पर कई बार अभद्र टिप्पणी कर चुके हैं। जेडीयू नेता शरद यादव ने बयान दिया था कि बेटियों की इज्जत से वोट की  इज्जत बड़ी है, जिसके बाद सभी तरफ से इसका बयान का खंडन किया गया। शरद यादव ने साउथ की महिलाओं को लेकर कहा था,  ‘साउथ की महिला जितनी ज्‍यादा खूबसूरत होती है, जितना ज्‍यादा उसकी बॉडी।वह पूरा देखने में काफी सुंदर लगती है। वह नृत्‍य जानती  है।’  महिला आरक्षण विधेयक जब पहली बार संसद में रखा गया था तब उन्होंने कहा था कि, इस विधेयक के जरिए क्‍या आप ‘परकटी महिलाओं’ को सदन में लाना चाहते हैं।उसके अलावा शरद यादव ने राजस्थान के अलवर में चुनाव प्रचार के दौरान वसुंधरा राजे को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी थी। उन्होंने कह दिया था कि राजे बहुत मोटी हो गई हैं और उन्हें आराम की जरूरत है। पहले पतली थी। इसी तरह महिला आरक्षण पर परकटी महिलाएं यानी छोटे बाल वाली महिलाओं को लेकर उनका बयान काफी सुर्खियों में रहा था। महिला आरक्षण का उस वक्त संसद में विरोध करते हुए शरद ने कह दिया था कि इस विधेयक के जरिए क्या आप परकटी महिलाओं की सदन में एंट्री कराना चाहते हैं।

भाजपा  नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था, महिलाओं को ऐसा श्रृंगार करना चाहिए, जिससे श्रद्धा पैदा हो, न कि उत्तेजना। कभी कभी महिलाएं ऐसा श्रृंगार करती हैं, जिससे उत्तेजित हो जाते हैं लोग। बेहतर हैं कि महिलाएं लक्ष्मण रेखा में रहें। होली मिलन के एक कार्यक्रम में भाजपा  नेता  ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर को ‘महिलाओं का शौकीन’ बताया था।

छत्तीसगढ़ के कोरबा से भाजपा  सांसद बंसीलाल महतो ने राज्य की लड़कियों के लिए ऐसे शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसे लेकर उनकी  काफी आलोचना हुई थी। महतो ने छत्तीसगढ़ के खेल मंत्री भैयालाल राजवाड़े का नाम लेते हुए कहा था कि वो अक्सर बोला करते हैं कि अब बालाओं की जरूरत मुंबई और कलकत्ता से नहीं है, कोरबा की टूरी और छत्तीसगढ़ की लड़कियां टनाटन हो गई हैं।

समाज में बढ़ती बलात्कार की घटनाओं पर पूछे गए सवाल पर हरियाणा की एक खाप पंचायत के नेता जितेंद्र छत्तर ने कहा था, “मेरे ख़्याल से फास्ट फूड खाने से बलात्कार की घटनाएं बढ़ती हैं। चाऊमीन खाने से शरीर के हार्मोन में असंतुलन पैदा होता है। इसी वजह से इस तरह के कार्य करने का मन करता है।”

राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने एक बार प्रियंका गांधी के लिए कहा था, ‘वह बनारस से चुनाव हार जाएंगी क्योंकि बहुत शराब पीती हैं।’ नेहरू और लेडी माउंटबेटन के संबंधों पर भी स्वामी विवादित टिप्पणी कर चुके हैं।

श्रीप्रकाश जायसवाल भाजपा  नेता ने एक बार बयान दिया था कि, नई शादी का मजा ही कुछ और होता है और ये तो सब जानते हैं कि पुरानी बीवी में वो मजा नहीं रहता ।

गोवा के मुख्यमंत्री और भारत के पूर्व रक्षा स्व . मंत्री मनोहर पर्रिकर ने लड़कियों के शराब पीने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा था- ‘मैं डरने लगा हूं क्योंकि अब तो लड़कियां भी शराब पीने लगी हैं। सहने की क्षमता खत्म हो रही है।’

बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो हद कर दी थी । सदन में बजट के दौरान  विपक्षी विधायकों के हाय-हाय करने पर नीतीश कुमार भी कहने लगे, आप सब हाय हाय हैं, हाय हाय… हाय हाय! गुस्से में लाल नीतीश कुमार आरजेडी विधायक रेखा देवी पर बिफर पड़े. कहने लगे, ‘अरे तुम महिला हो… कुछ जानती नहीं हो… कहां से आते हैं, इन लोगों ने कुछ किया है?  2005 के बाद महिला को हमने ही आगे बढ़ाया है… चुपचाप बात सुनो, अभी हम बोल रहे हैं ।

बिलकुल बिहार विधानसभा जैसा तो नहीं, लेकिन राज्यसभा में भी मिलता जुलता ही वाकया देखने को मिला. बजट पर संसद के दोनों सदनों में चल रही चर्चा के दौरान राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस बार के बजट में केवल दो राज्यों को ही सरकार ने दिया है, बाकी किसी को कुछ नहीं मिला है. बीच में ही सभापति जगदीप धनखड़ ने बोला कि वित्त मंत्री आपके सवाल का जवाब देंगी. सभापति की बात पर मल्लिकार्जुन खरगे बोल पड़े, ‘मैं बोल लेता हूं… क्योंकि वो तो बोलने में एक्सपर्ट हैं… माताजी बोलने में तो एक्सपर्ट हैं… वो तो बोल ही देंगी.’वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बारे में मल्लिकार्जुन खरगे को बीच में ही टोककर सभापति जगदीप धनखड़ ने बता दिया, वो तो आपकी बेटी के बराबर हैं. मल्लिकार्जुन खरगे 82 साल के हो रहे थे ,  जबकि निर्मला सीतारमण तब 64 साल की थी  ।

इसके पूर्व जब वे जब  वे लालू की पार्टी के संग थे तब संपन्न जाति आधारित सर्वे के आंकड़े आज विधानसभा में पेश करते समय  विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पापुलेशन कंट्रोल पर बात रखते समय  कुछ ऐसा कह गए थे जिससे विवाद खड़ा हो गया  था । दरअसल, जनसंख्या नियंत्रण और महिलाओं की पढ़ाई को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश सदन में कुछ बोल रहे थे। हालांकि, मुख्यमंत्री ने कुछ ऐसा कह दिया जिस पर विधानसभा के अंदर भी विधायक सुनकर असहज हो गए। उन्होंने कहा कि बिहार में महिलाओं के साक्षरता बढ़ी है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि अगर लड़कियां पढ़ी-लिखी रहेंगी तो जनसंख्या खुद पर खुद नियंत्रित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि शादी के बाद तो पुरुष रात में रोज करता ही है ना। उसी में और बच्चा पैदा हो जाता है। इसके साथ ही उन्होंने जो कहा उसको लेकर विवाद और बढ़ गया । नीतीश ने कहा कि लड़की अगर पढ़ लिख लेगी तो उसको भीतर मत…. उसको डालो । इसी में संख्या घट रही है। हालांकि, नीतीश कुमार के इस अजीबोगरीब बयान पर कुछ महिला विधायक नाराज दिखीं तो वहीं कुछ विधायक हंस भी रहे थे।

अशोक भाटिया,

वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार ,लेखक, समीक्षक  एवं टिप्पणीकार

लेखक  5  दशक से लेखन कार्य से जुड़े हुए हैं

पत्रकारिता में वसई गौरव अवार्ड से  सम्मानित,

वसई पूर्व  – 401208 ( मुंबई )E MAIL – vasairoad.yatrisangh@gmail.com   केवल व्हाट्स एप्प 9221232130

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