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शिवकुमार शिलचर 6 नवंबर, फकीरटीला स्थित तरूण क्लब और छठ पूजा कमेटी ने लोकगीतों की मशहूर गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। शारदा सिन्हा ने बिहार और पूर्वांचल के सांस्कृतिक परिदृश्य में अपनी सुरीली आवाज से विशेष पहचान बनाई थी, और उनके गाए छठ पूजा के गीत हर साल इस महापर्व में नई उमंग और आस्था भरते रहे हैं। उनके निधन से पूरे लोक संगीत जगत में शोक की लहर है।
तरूण क्लब के अध्यक्ष प्रमेश नूनिया ने कहा कि शारदा सिन्हा का जाना लोक संगीत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपने गीतों के माध्यम से भारतीय लोक संगीत को नई ऊँचाईयों पर पहुँचाया। क्लब के महासचिव संजीव नूनिया और अन्य सदस्यों, जिनमें निर्मल कुर्मी, सत्राजीत कुर्मी, असम विश्वविद्यालय के हिंदी अनुवादक पृथ्वीराज ग्वाला, शंभू कुर्मी, प्रकाश चौहान, इंद्रजीत नूनिया, राम गणेश नूनिया और अपू हजाम आदि शामिल थे, ने भी अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। इस अवसर पर पृथ्वीराज ग्वाला ने कहा कि “शारदा सिन्हा लोक संगीत की महा नायिका थीं, और उनके द्वारा गाए छठ पूजा के गीत आने वाली पीढ़ियों तक याद किए जाएंगे। उन्होंने न सिर्फ गायन में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, बल्कि भारतीय लोक परंपराओं को संजोकर रखने का एक महत्वपूर्ण कार्य भी किया।” शोकसभा में दीपांकर ग्वाला, चंपालाल ग्वाला, शंकर नूनिया और बीरेंद्र कुमार यादव ने भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि शारदा सिन्हा का योगदान लोक संगीत को जीवंत बनाए रखने में अमूल्य था, और उनके गाए गीतों की मधुर गूँज लोगों के हृदयों में सदा बनी रहेगी।