इस्लामाबाद. जेल में बंद जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन मलिक ने विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी को पत्र लिखकर उनसे अपने पति के लिए संसद में बहस शुरू करने का आग्रह कियाए. जिनके बारे में उनका दावा है कि वह जम्मू-कश्मीर में शांति ला सकते हैं. मानवाधिकार व महिला सशक्तिकरण पर पाकिस्तान के प्रधान मंत्री के पूर्व सहायक मलिक का मानना है कि जम्मू-कश्मीर में चल रही शांति प्रक्रिया में यासीन मलिक की भूमिका महत्वपूर्ण है. उनकी दुर्दशा पर तत्काल ध्यान दिया जाना चाहिए.
यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन मलिक पाकिस्तान में ही रहती है. मलिक की पत्नि ने लिखा कि राहुल गांधी, यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर में शांति के लिए एक ताकत हो सकते हैं यदि उन्हें उचित मौका दिया जाए. उन्होंने कांग्रेस नेता से मलिक के बिगड़ते स्वास्थ्य के अपरिवर्तनीय परिणाम होने से पहले हस्तक्षेप करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि मेरे पति का चल रहा इलाज यातना से कम नहीं है. मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि उन्हें न्याय दिलाने में हमारी मदद करें.
राहुल गांधी को लिखे एक पत्र में मुशाल ने अपने पति के सामने चल रही कानूनी लड़ाइयों की ओर ध्यान आकर्षित किया. विशेष रूप से दशकों पुराने राजद्रोह के मामले में, जिसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अब मौत की सजा की मांग की है. मलिक जो कश्मीर के अलगाववादी आंदोलन में सबसे आगे रहे हैं. वर्तमान में आतंकी फंडिंग मामले में मौत की सजा के लिए एनआईए की अपील को चुनौती देने में शामिल हैं.
एनआईए के आरोप 2017 में मलिक के साथ-साथ कई अन्य लोगों से जुड़े आतंकी वित्तपोषण की जांच से उपजे हैं. 2022 में मलिक को आरोपों के लिए दोषी ठहरा जाने के बाद एक ट्रायल कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. हालांकि पत्नि के अनुसार मलिक की हिरासत और उसकी मौत की सजा की मांग व्यापक राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है. उन्होंने दावा किया कि 2019 सेए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने मलिक के साथ अमानवीयष् व्यवहार किया है, उनके मुकदमे रातनीति से प्रेरित रहे हैं.