नई दिल्ली. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत को महान शक्ति करार देते हुए उसकी आर्थिक प्रगति, सांस्कृतिक विरासत और भविष्य की संभावनाओं की प्रशंसा की है. उन्होंने वल्दाई डिस्कशन क्लब को संबोधित करते हुए भारत की तेज आर्थिक वृद्धि और रूस के साथ उसके ऐतिहासिक संबंधों पर जोर दिया.
पुतिन ने कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग लंबे समय से कायम है, और यह सहयोग रक्षा से लेकर आर्थिक विकास तक हर क्षेत्र में मजबूत हुआ है. पुतिन ने भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभुत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि कहा कि भारत का स्थान दुनिया की महाशक्तियों के बीच है.
रूस की यात्रा के दौरान, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई में पुतिन से मुलाकात की थी, जहां उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन को गले लगाकर दोनों देशों की मजबूत दोस्ती का प्रदर्शन किया. हालांकि, मोदी का यह कदम पश्चिमी देशों को रास नहीं आया, और अमेरिका ने भारत को तटस्थ न रहकर एक पक्ष चुनने का इशारा किया था.
इस दौरान, मोदी ने स्पष्ट किया कि युद्धग्रस्त समय में शांति वार्ता प्रभावी नहीं हो सकती और संघर्ष का समाधान युद्ध नहीं है. इस साल के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन और जुलाई में कजाकिस्तान में हुए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) से पीएम मोदी की अनुपस्थिति के बावजूद, उन्होंने विशेष रूप से पुतिन के आमंत्रण पर कजान में ब्रिक्स समिट में हिस्सा लिया, जिससे भारत और रूस की दोस्ती को नया आयाम मिला.
बातचीत के दौरान, जहां मोदी हिंदी में और पुतिन रूसी में संवाद कर रहे थे, पुतिन ने मजाकिया अंदाज में कहा कि भारत और रूस के संबंध इतने करीबी हैं कि पीएम मोदी शायद उनकी बातों को बिना अनुवादक के भी समझ सकते हैं. पुतिन की इस टिप्पणी पर मोदी मुस्कुराते नजर आए, जो दोनों देशों के बीच दोस्ती की झलक को बखूबी दर्शाता है.