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दुमदुमा प्रेरणा भारती 8 नवम्बर:- कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्थी से शुरू सप्तमी को उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देकर कर व्रत का समापन किया जाता है।यह प्रत्यक्ष देवता को डुबते सूर्य को अर्घ्य देकर उगते सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार और समाज कि खुशहाली कि कामना करते हैं।
दुमदुमा अंचल में अस्ताचलगामी सूर्य को छठ व्रत धारियों ने अर्ध प्रदान किया सुबह उदयचल सुर्य को अर्घ्य प्रदान कर व्रत का समापन किया। विभिन्न अंचलों में घाटों को प्रतिस्पर्धा के साथ सजाया गया था।
असम तिनसुकिया जिला के दुमदुमा सहीत विभिन्न अंचलों में आज आस्था का महापर्व छठ पर्व पर डुबते हुए सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया गया। दुमदुमा कुम्हार पट्टी घाट , मछुआ पट्टी १ नम्बर घाट , कोलियापानी घाट , ऊंचामाटी घाट , सुक्रिटिंग , फिलोबाडी , काकोपथार , टिपुक तालाप , धौला , रुपाई साइडिंग , लोंगसवाल , बड़ाहापजान आदि स्थानों में छठ पूजा का आयोजन में लोगों को भीड़ देखी गई। वही तिनसुकिया जिला के सीमावर्ती अंचल अरुणाचल प्रदेश के रोईगं, तेजु , नामसाई आदि स्थानों में छठ पूजा करते देखा गया। उषा काल से ही घाटों पर गन्ना की गाछ के बीच कोशी भरने के लिए पहुंच गए थे। घाटों कि मनोरम दृश्य से लोगों में भक्ति मय माहौल देखने को मिला। बहुत सारे जगहों पर कृत्रिम घाटों का निर्माण कर भगवान भास्कर को अर्ध प्रदान करते देखा।सभी घाटों पर व्रतधारियों के लिए समुचित व्यवस्था करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई ताकि व्रतधारियों को कोई असुविधा न हो। उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देकर इस चार दिवसीय महापर्व का समापन किया। इधर टिपुक तीन आली छठ पूजा समिति द्वारा टिपुक नदी में भव्य पंडाल प्रतीमा स्थापित किया गया था। मालूम हो कि यहां सिर्फ तैंतालीस व्रत धारी ही पुजा करते हैं। यहां मेडिकल, पेयजल, अग्नि शमन, तथा आपातकालीन व्यवस्था देखी गई। सम्पूर्ण रात्रि भक्ती मय कीर्तन मंडली द्वारा भक्तों के बीच समा बांधा।इधर जिला अतरीक्त अधीक्षक पुलेकश राभा विश्व मित्र बसुमतारी एवं दुमदुमा थाना प्रभारी मनोरंजन सैकिया के नेतृत्व की टीम पुरे अंचल में सुरक्षा चाक-चौबंद व्यवस्था में व्यस्त दिखे। पुरे अंचल में आस्था का महापर्व छठ शान्ति पुर्ण समापन हुआ।