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नई दिल्ली, 14 नवंबर (हि.स.)। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने कृष्ण मेनन रोड स्थित अपने निवास स्थान पर ‘वक्फ बिल 2024: रिस्पेक्ट टू इस्लाम एंड गिफ्ट फॉर मुस्लिम्स’ नामक किताब का विमोचन किया। किताब में वक्फ प्रणाली की चुनौतियों को स्पष्ट रूप से दिखाया गया है और वक्फ बिल 2024 में किए गए सुधारों की वकालत की गई है।
पुस्तक में ‘उम्मीद एक्ट’ (यूनाइटेड बफ एक्ट फॉर मैनेजमेंट एंपावरमेंट एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) की प्रशंसा की गई है। इस एक्ट के जरिए वक्फ संपत्तियों का कुशल प्रबंधन, डिजिटल रिकॉर्ड-कीपिंग और तीसरे पक्ष से ऑडिट की प्रक्रिया का प्रस्ताव रखा गया है। यह बदलाव वक्फ बोर्डों में पारदर्शिता लाने, वक्फ संपत्तियों का अधिकतम उपयोग करने और समाज के सबसे कमजोर वर्गों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किए गए हैं।
किताब के लेखकों में डॉ. शाहिद अख्तर, डॉ. शालिनी अली, शिराज़ कुरैशी (वकील) और शाहिद सैयद शामिल हैं।
किरण रिजिजू ने इस किताब के विमोचन के दौरान इसे वक्फ सुधार के लिए एक मील का पत्थर करार दिया और कहा कि इस किताब में न केवल वक्फ सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं बल्कि यह समाज में न्याय, समानता और समग्र विकास की भावना को भी बढ़ावा देती है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि वक्फ संपत्तियों का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के लिए किया जाएगा, जो मुस्लिम समुदाय को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
किताब में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि वक्फ न केवल एक धार्मिक न्यास है बल्कि यह एक राष्ट्रीय संपत्ति के रूप में काम कर सकता है, जो समावेशी और न्यायपूर्ण विकास को बढ़ावा दे सकता है। रिजिजू ने यह भी कहा कि इस किताब से वक्फ को लेकर जागरूकता बढ़ेगी और वक्फ प्रणाली में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
किरण रिजिजू ने पुस्तक लेखन की प्रेरणा बने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह मंच मुस्लिम समुदाय के बीच जागरूकता फैला रहा है, जो समाज में एकता और समरसता को बढ़ावा देने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
पुस्तक में ‘उम्मीद एक्ट’ (यूनाइटेड बफ एक्ट फॉर मैनेजमेंट एंपावरमेंट एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) की प्रशंसा की गई है। इस एक्ट के जरिए वक्फ संपत्तियों का कुशल प्रबंधन, डिजिटल रिकॉर्ड-कीपिंग और तीसरे पक्ष से ऑडिट की प्रक्रिया का प्रस्ताव रखा गया है। यह बदलाव वक्फ बोर्डों में पारदर्शिता लाने, वक्फ संपत्तियों का अधिकतम उपयोग करने और समाज के सबसे कमजोर वर्गों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किए गए हैं।
किताब के लेखकों में डॉ. शाहिद अख्तर, डॉ. शालिनी अली, शिराज़ कुरैशी (वकील) और शाहिद सैयद शामिल हैं।
किरण रिजिजू ने इस किताब के विमोचन के दौरान इसे वक्फ सुधार के लिए एक मील का पत्थर करार दिया और कहा कि इस किताब में न केवल वक्फ सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं बल्कि यह समाज में न्याय, समानता और समग्र विकास की भावना को भी बढ़ावा देती है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि वक्फ संपत्तियों का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के लिए किया जाएगा, जो मुस्लिम समुदाय को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
किताब में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि वक्फ न केवल एक धार्मिक न्यास है बल्कि यह एक राष्ट्रीय संपत्ति के रूप में काम कर सकता है, जो समावेशी और न्यायपूर्ण विकास को बढ़ावा दे सकता है। रिजिजू ने यह भी कहा कि इस किताब से वक्फ को लेकर जागरूकता बढ़ेगी और वक्फ प्रणाली में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
किरण रिजिजू ने पुस्तक लेखन की प्रेरणा बने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह मंच मुस्लिम समुदाय के बीच जागरूकता फैला रहा है, जो समाज में एकता और समरसता को बढ़ावा देने के लिए अत्यंत आवश्यक है।